अजीतमल सीएचसी मेंडाक्टर नहीं, कैसे दूर हो कुष्ठ रोग
संवाद सहयोगी, अजीतमल : प्रदेश सरकार कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने का प्रयास कर रही है
संवाद सहयोगी, अजीतमल : प्रदेश सरकार कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए आशा, एनएमए व सुपरवाइजरों को कुष्ठ रोगियों को चिह्नित करने का काम सौंपा गया है। यह कर्मचारी कुष्ठ रोगियों को चिह्नित कर स्वास्थ्य केन्द्र पर लाकर इलाज मुहैया करवाने में मदद करेंगे। लेकिन स्थानीय सीएचसी में कुष्ठ रोग के लिए डाक्टर ही नहीं है। साथ ही कोई कर्मचारी भी नजर नहीं आता है।
अजीतमल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर कुष्ठ रोग का इलाज करने के लिए एक कमरा ओपीडी से अलग बनाया गया है। यह कमरा सुबह दस बजे स्वास्थ्य केन्द्र के किसी कर्मचारी द्वारा खोल दिया जाता है। लेकिन इसकी जिम्मेदार कुर्सी खाली पड़ी रहती है। कई लोग कुष्ठ रोग से संबंधित जानकारी के लिये यहां आते हैं। लेकिन कमरे की खाली पड़ी कुर्सियां देखकर लौट जाते हैं। जानकारी करने पर पता चला कि स्वास्थ्य केन्द्र पर कुष्ठ रोग से संबंधित कोई विशेषज्ञ डाक्टर तैनात नहीं है। सिर्फ एक पीएनडब्ल्यू की तैनाती है। लेकिन तैनात कर्मचारी कहां मिलेंगे। इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डा. विमल कुमार से जानकारी की तो उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग का कोई डाक्टर सीएचसी पर अलग से नहीं है। पीएनडब्ल्यू अभिषेक कुमार हैं। कुष्ठ निवारण कार्यक्रम 13 फरवरी तक चल रहा है। इसीलिये फील्ड में निकल गए होंगे।