Nikay Chunav Auraiya: उतर गई पुरुष दावेदारों की खुमारी, इस बार महिलाओं की बारी, आरक्षण सूची से बदले समीकरण
निकाय चुनाव दिसंबर माह में संभावित था लेकिन आरक्षण सूची देरी से जारी होने पर अब यह चुनाव जनवरी माह में होता प्रतीत नजर आने लगा है। वार्डों की आरक्षण सूची के बाद सोमवार को नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पदों की आरक्षण सूची जारी की गई।
औरैया, जागरण संवाददाता। निकाय चुनाव सामान्य निर्वाचन की तिथियां भले ही अभी घोषित नहीं की गई, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर और चुनाव के संभावित दावेदारों की ओर अपनी तैयारी जोर-शोर के साथ की जा रही है। सोमवार को नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पदों के आरक्षण की सूची जारी होते ही संभावित दावेदारों के समीकरण बदल गए। चुनाव लड़ने का पूरी तरह मन बना चुके अधिकांश सीटों पर महिलाओं का आरक्षण किए जाने पर पुरुषों के मंसूबों पर निर्वाचन आयोग ने पानी फेर दिया।
निकाय चुनाव दिसंबर माह में संभावित था, लेकिन आरक्षण सूची देरी से जारी होने पर अब यह चुनाव जनवरी माह में होता प्रतीत नजर आने लगा है। वार्डों की आरक्षण सूची के बाद सोमवार को नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पदों की आरक्षण सूची जारी की गई। इस सूची ने पिछले तीन महीने से अपनी जमीन को मजबूत कर पुरुषों को चौंका दिया है।
मैदान से गायब होने लगे लोग
सभी सीटों पर आरक्षण बदले नजर आने से सभी के चुनावी समीकरण बदल चुके हैं। तो वहीं अधिकांश लोग मैदान से गायब होते दिखे। जारी हुई आरक्षण सूची से इन लोगों को झटका लगा है। सीटों के फेरबदल ने उनका गणित ही नहीं अरमान पर भी पानी फेर दिया है।
पहली बार आरक्षित हुई नगर पंचायत फफूंद
नगर पंचायत फफूंद का गठन वर्ष 1937 में हुआ था। तब से लेकर आज तक यह सीट सामान्य रही। पहली बार अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई है। कई संभावित दावेदारों के चेहरे मुरझा गए है। जो वर्षों से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। उनकी हवाइयां उड़ गईं हैं। दिबियापुर सीट भी पहली बार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुई है।
नगर निकाय का नाम - अब - पहले
नपा परिषद औरैया - अन्य पिछड़ा वर्ग महिला - अनुसूचित जाति महिला
नप दिबियापुर - अन्य पिछड़ा वर्ग - सामान्य
नप फफूंद - अन्य पिछड़ा वर्ग - सामान्य
नप अछल्दा - अन्य पिछड़ा वर्ग - सामान्य
नप बिधूना - महिला - सामान्य
नप बाबरपुर -अजीतमल - अनुसूचित जाति - महिला
नप अटसू - अन्य पिछड़ा वर्ग - अनुसूचित जाति महिला
इन्होंने कहा…
‘चुनाव आयोग व शासन की ओर से सूची मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।’
-प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव, जिला निर्वाचन अधिकारी।