फर्जी खसरा व इंतखाब बनाकर बैंक से लिया अधिक लोन
संवाद सहयोगी अजीतमल मुरादगंज सेंट्रल बैंक में फर्जी खसरा व इंतखाब से केसीसी बनाकर अधिक लोन
संवाद सहयोगी, अजीतमल: मुरादगंज सेंट्रल बैंक में फर्जी खसरा व इंतखाब से केसीसी बनाकर अधिक लोन ले लिया गया। यह केसीसी बनाकर लोन दिलाने वाले दलाल व बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से हुआ है। हिस्सेदारी के भी फर्जी कागजात तैयार किए गए। राजस्व कर्मचारियों को जब पता चला तो उन्होने बैंक जाकर पड़ताल की। इसमें फर्जीवाड़ा निकलकर सामने आया। बैंक में तैयार फाइल में लगा खसरा इंतखाब व हिस्सेदारी के कागजात पर लेखपाल के फर्जी हस्ताक्षर हैं।
तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम फरिहा के मौजा पाकर का पुर्वा निवासी शिव सिंह पुत्र मोहनलाल की 2.149 हेक्टेयर जमीन पर चार लाख चार हजार रुपये का केसीसी लोन मुरादगंज की सेंट्रल बैंक शाखा से पास हुआ। राजस्व ग्राम भरतौल के मौजा गुंठी का पुर्वा निवासी विजय सिंह पुत्र रघुवर दयाल की 1.023 हेक्टेयर जमीन पर दो लाख 26 हजार रुपये केसीसी लोन इसी शाखा से पास हुआ। केसीसी लोन के लिए बनी फाइल में लगे कागजातों में बिना उपजिलाधिकारी न्यायालय में वाद दायर किए फर्जी तरीके से हिस्सेदारी दर्शा दी गई। इतना ही नहीं खसरा व इंतखाब भी फर्जी दर्शा दिया गया। कई हिस्सेदारों के कागजातों में परगना, तहसील तक नहीं लिखा गया। कई में फसली वर्ष 1427 की जगह पर 1429 और 1430 दर्ज कर दिया गया। इन तथ्यों की बैंक ने भी जांच नहीं की और लोन पास कर दिया। लेखपाल विनय तोमर ने बताया कि दो काश्तकार विजय सिंह व शिव सिंह के खसरा इंतखाब निकलवाने के लिए पाकर का पुर्वा निवासी मलखान सिंह, गुण्ठी का पुर्वा निवासी लालसिंह व अयाना निवासी मोतीसागर उसके पास आए थे। वह आलू की फसल लिखने का दबाब डाल रहे थे। बाजरा और सरसों की फसलों की जगह पर आलू की फसल दर्शाई गई है। लेखपाल के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। बताया कि धान, बाजरा व सरसों की फसल की अपेक्षा आलू की फसल में दोगुने से अधिक लोन मिल जाता है। उपजिलाधिकारी रामजीवन ने बताया कि जानकारी हुई है। अभी लेखपाल की जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।