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कालिन्दी उफनाई, प्रशासनिक अधिकारियों ने किया दौरा

संवाद सहयोगी, अजीतमल : यमुना नदी में बढ़ते पानी के खतरे को भांपते हुए सोमवार को तहसीलदार प

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 04:41 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 04:41 PM (IST)
कालिन्दी उफनाई, प्रशासनिक अधिकारियों ने किया दौरा

संवाद सहयोगी, अजीतमल : यमुना नदी में बढ़ते पानी के खतरे को भांपते हुए सोमवार को तहसीलदार प्रेमनारायण प्रजापति, कोतवाली निरीक्षक बलिराज शाही ने बाढ़ प्रभावित गांवों गोहानी कलां, सिकरोड़ी आदि का दौरा किया। इस दौरान ग्रामीणों से जानकारी की। सदर विधायक रमेश दिवाकर द्वारा गोद लिए गांव, गोहानी कलां के सम्पर्क मार्ग पर करीब पांच फुट तक भर आये पानी से गांव का सम्पर्क हाईवे से टूट गया।

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ज्ञात हो कि इस गांव के लोगों को जरूरत की चीजों के लिये बाबरपुर कस्बे में बाजार करने आना पड़ता है। सम्पर्क टूट जाने से गांव का जनजीवन प्रभावित हो गया। वहीं ग्रामीण जान जोखिम में डालकर बाढ़ के पानी में घुसकर बाबरपुर कस्बे में आते दिखाई दिये। प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ चैकियों के माध्यम से बाढ़ की स्थिति पर नियंत्रण रखने के आदेश अधीनस्थों को दिए हैं। तहसीलदार ने बताया बाढ़ पर लगातार नजर रखी जा रही है। बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों व बनाई गई चैकियों से कर्मचारी लगातार बाढ़ पर नजर रखे हुये हैं। किसी भी स्थिति में निपटने के लिये गोताखोरों व नाव चालकों को भी आगाह कर दिया गया है। साथ ही पशु विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग को भी एलर्ट रहने के लिये आदेश दिये गये हैं। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डा. विमल कुमार ने बताया कि आशा व एएनएम को बाढ़ प्रभावित गांवों पर नजर रखे जाने के आदेश दिये गये हैं। सीएचसी अजीतमल में भी दस शैय्या की व्यवस्था अलग से की गई है। जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने को चैबीस घण्टे तैयार रहेगी। सदर विधायक अपने गोद लिये गांव के प्रति उदासीन

प्रशासनिक अधिकारी जहां बाढ़ से सम्पर्क टूटे गांव गोहानी कलां का लगातार दौरा कर नजर रख रहे है। वहीं अभी तक सदर विधायक रमेश दिवाकर ने अपने गोद लिये गांव की सुधि नहीं ली है। इतना ही नहीं प्रशासन द्वारा बनाये गये बाढ़ नियंत्रण केन्द्रों पर तथा बनाई गई बाढ़ नियंत्रण चैकियों पर भी अभी तक किसी विभाग का कोई कर्मचारी नहीं मौजूद मिला।

कोटा बैराज से चम्बल में पानी छोड़ने से आती है यमुना में बाढ़

हरियाणा के हथिनीकुण्ड से कालिन्दी में छोड़े गये पानी से यमुना में बाढ़ की स्थिति इतनी खौफनाक नहीं होती, जितनी कि यमुना की सहायक नदी चम्बल में राजस्थान के कोटा बैराज से छोड़े गये पानी से हो जाती है। बीते दिनों कोटा बैराज से छोड़े गये पानी से पड़ोसी जनपद इटावा से होकर निकलने वाली चम्बल नदी के तेज बहाव ने यमुना में बाढ़ की स्थित पैदा कर दी। यद्यपि यमुना की बाढ़ का पानी अभी गांवों की सीमाओं और निचले सम्पर्क मार्गों तक ही पहुंचा है। लेकिन यदि इसी गति से पानी में लगातार वृद्धि होती रही तो आने वाले 24 से 48 घण्टों में गांवों में पानी भरना शुरू हो सकता है।


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