विकास कार्यो में घोटाला मिला तो प्रधान पर तुरंत मुकदमा
जागरण संवाददाता, औरैया: अब विकास कार्य में किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर ग्राम प्रधानों के
जागरण संवाददाता, औरैया: अब विकास कार्य में किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर ग्राम प्रधानों के लिए बचना मुश्किल हो जाएगा। नये आदेश के अनुसार अब उनपर तत्काल मुकदमा दर्ज कराया जा सकेगा। क्योंकि इसके लिए शासन से अनुमति नहीं लेनी होगी, बल्कि जिलाधिकारी के आदेश पर ही कार्रवाई हो जाएगी। इसको लेकर शासन से निर्देश में जारी हो चुका है। माना जा रहा है कि इस आदेश के बाद ग्राम पंचायतों में विकास कार्यो को लेकर होने वाली अनियमितता पर रोक लग सकेगी।
ग्राम स्तर पर विकास कार्यो में अकसर गड़बड़ी की शिकायत मिलती है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों को प्रधान के दोषी मिलने के बाद भी कार्रवाई करने में परेशानी होती थी। क्योंकि उनको इसके लिए शासन अनुमति आदि की लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता था। विकास कार्यो में गड़बड़ी रोक लगती न देख शासन ने जिलाधिकारी के अनुमति से कार्रवाई करने के अधिकार दे दिये हैं। पंचायती राज विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि ग्राम पंचायतों की सतर्कता विभाग व भ्रष्टाचार निवारण संगठन द्वारा जांच की जाती है। लेकिन जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद भी ग्राम प्रधान पर न्यायालय में अभियोजन चलाने पर निर्णय नहीं हो पा रहा है। इस आदेश के बाद अब ग्राम प्रधानों के खिलाफ किसी भी गड़बड़ी में दोषी पाए जाने पर अभियोजन की स्वीकृति डीएम से मिल सकेगी। शासन के निर्देश होने के बाद गड़बड़ी करने वाले प्रधानों पर लगाम लगेगी। मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना और पंचायत निधि में गड़बड़ करने पर प्रधान नहीं बच सकेंगे।
30 दिन में होगी ग्राम पंचायत की जांच
पंचायती राज विभाग के सचिव महेंद्र कुमार ने सभी जिलों के डीएम को पत्र भेजकर शिकायतों की प्रारंभिक जांच 30 दिनों में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। किसी भी प्रधान के खिलाफ डीएम से सीधे शिकायत की जा सकती है, लेकिन शिकायत करने वाले को अपना शपथ पत्र भी देना होगा।
छह माह के भीतर होगी कार्रवाई
जारी निर्देश में कहा गया है कि शिकायत होने के छह महीने के भीतर पूरी जांच करके रिपोर्ट डीएम को भेज दी जाएगी। जांच में मामला सही मिलने व प्रधान दोषी पाया जाता है तो उसे हटाया जा सकेगा।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार-
दरअसल शासन ने ग्राम पंचायतों में धांधलेबाजी रोकने के लिए अहम कदम उठाया है। पहले प्रधान पर मुकदमा चलाने के लिए पहले शासन से अनुमति लेनी होती थी, लेकिन अब इसके लिए जिलाधिकारी की अनुमति ही पर्याप्त होगी।
- जीपी गौतम, परियोजना निदेशक