गरीबी का दिया हवाला तो अदालत ने जेल में बिताए समय को माना सजा
जासं औरैया चोरी और हमला प्रकरण में 45 माह से जेल में बंद आरोपित के प्रकरण का अदालत ने निस्
जासं, औरैया : चोरी और हमला प्रकरण में 45 माह से जेल में बंद आरोपित के प्रकरण का अदालत ने निस्तारण कर दिया। अदालत ने बिताई गई सजा के साथ पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया और रिहा करने के आदेश दिए। उसके वकील ने निर्धनता का हवाला देकर रिहाई की गुहार लगाई थी।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी चंद्रभूषण तिवारी ने बताया कि अछल्दा थानाक्षेत्र के गांव रमनगरा के रहेन वाले रघुनंदन सिंह ने रिपोर्ट लिखाई थी कि 23-24 जनवरी 2007 को कमरे में लेटे थे। बाहर छप्पर के नीचे साइकिल रखी थी। तीन लोग साइकिल उठाकर ले जाने लगे। खटपट की आवाज सुन शोर मचाकर पकड़ने का प्रयास किया तो आरोपितों ने उस पर लाठी से हमला कर दिया। पड़ोसी आरोपित रमनगरा निवासी निन्हीलाल, मौजीलाल को मारपीट कर थाने ले जाकर पुलिस के सिपुर्द कर दिया गया जबकि व सियाराम भाग निकला था। पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट लगाई। यह मामला विशेष न्यायाधीश (उप्र डकैती प्रभावित क्षेत्र अधिनियम) राजेश चौधरी की कोर्ट में चला। आरोपित निन्हीलाल की मृत्यु जेल में बीमार होने के चलते सात मार्च 2013 को हो गई। दूसरे आरोपित मौजीलाल ने जुर्म कुबूल कर जेल में बिताई गई अवधि डेढ़ वर्ष की सजा पाकर 15 जुलाई 2014 को रिहाई पा ली। दोनों आरोपित को सजा से पूर्व पुलिस ने जेल भेजा था। वहीं, तीसरे आरोपित सियाराम को वर्ष 2017 में पकड़कर जेल भेजा था, तबसे वह जेल में ही था। मामले एडीजे राजेश चौधरी की अदालत में चल रहा था। उसके वकील ने बताया कि वह 45 माह से जेल में है। निर्धनता के चलते पैरवी नहीं कर पा रहा है। उन्होंने उसकी रिहाई की मांग की। अदालत ने अभियुक्त सियाराम को जेल में बिताई गई अवधि साधारण कारावास व पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया। इस निर्णय के बाद उसकी रिहाई हुई।