फाइलेरिया रोग इलाज है संभव
जागरण संवाददाता, औरैया : फाइलेरिया रोग का इलाज संभव है। यदि इसका इलाज प्रारंभिक अवस्था में
जागरण संवाददाता, औरैया : फाइलेरिया रोग का इलाज संभव है। यदि इसका इलाज प्रारंभिक अवस्था में हो जाए तो संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। यह बात सोमवार को शहर के खानपुर मोहल्ले में फाइलेरिया की दवा खिला कर अभियान की शुरुआत करने आए स्टेट पर्यवेक्षक ने कही। इस दौरान उन्होंने वहां कार्य कर रही टीम को दिशा निर्देश भी दिए।
फाइलेरिया के बचाव के लिए तीन दिवसीय अभियान की शुरुआत सोमवार से हो गई। इस अभियान की शुरुआत करने आए पर्यवेक्षक डा. एमआर गौतम ने कहा कि राष्ट्रीय भेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वर्ष में दो बार यह अभियान चलाया जाता है। इस दौरान उन्होंने फाइलेरिया रोग के लक्षण, रोग होने के कारण, मच्छरों की रोकथाम, फाइलेरिया के बचाव के बारे में उन्होंने विस्तार से चर्चा की। सर्दी लगने के साथ तेज बुखार आना, हाथ पैर की नसों का फूलना, दर्द होना, जांघ में गिल्लटियों का उभर आना आदि इस रोग के लक्षण है। कहा कि इस रोग को फैलाने वाले मच्छर घरों के आस पास नालियों, गड्ढों तथा गंदे रुके हुए पानी में पनपते हैं। इसलिए घर के आस पास गंदा पानी एकत्र नहीं होने दें। टीम से कहा कि अपने सामने ही प्रत्येक व्यक्ति को दवा खिलाएं। उसका नाम तथा नंबर रजिस्टर पर अंकित करें। कहा कि आपका लक्ष्य एक दिन में पचास घर या 250 व्यक्ति हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को समझा कर ही दवा खिलाएं। यदि किसी घर में अन्य व्यक्तियों के लिए दवा मांगी जाए तो दवा न दें। इस दौरान उन्होंने नोडल अधिकारी शशिरपुरी से कहा कि सभी सुपरवाइजरों का फीड बैक प्रत्येक दिन लें। जिससे पता चल सके कि एक दिन में टीम ने क्या कार्य किया है। इसके बाद पर्यवेक्षक ने अजीतमल विकास खंड के कई गांवों का निरीक्षण किया।