जल के मोल को समझाते हुए शपथ दिला रही 'टोली'
जागरण संवाददाता औरैया जल मानव जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंग है। पृथ्वी पर तीन ही रत्न है
जागरण संवाददाता, औरैया: जल मानव जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंग है। पृथ्वी पर तीन ही रत्न हैं, जल, अन्न व सुभाषित। जल की प्रत्येक बूंद का सदुपयोग अत्यंत आवश्यक है। केवल हम इसके सदुपयोग को रोक लें तो वातावरण को हरा-भरा बनाकर प्रकृति को अद्भुत श्रंगार प्रदान कर सकते हैं। इसी सोच के साथ स्वामी विवेकानंद इंटर कालेज सहार के छात्रों की वारि टोली बनाकर गांव-गांव अलख जगा रहे हैं।
स्वामी विवेकानंद इंटर कालेज सहार की 12वीं कक्षा के गणित व विज्ञान वर्ग के छात्रों ने पानी की प्यास, सुरक्षित जल सुरक्षित कल, कैच द रेन रिमूव द पेन, प्रदूषण धुआं, पानी-पादप, चौपाल सहित डाक्यूमेंट्री तैयार की है। इनमें जल संरक्षण पर चिता, इससे जुड़े महत्वपूर्ण बिदुओं पर चर्चा व सुझाव दर्शाए गए हैं। छात्र बताते हैं कि पृथ्वी पर पीने योग्य मात्र तीन फीसद पानी है। दो फीसद पहाड़ों पर बर्फ के रूप में जमा है। शेष एक फीसद पानी द्रव अवस्था में पीने योग्य। ऐसे में हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के जीवन को सुरक्षित करने के लिए पानी बचाना आवश्यक है। हमारा एक छोटा प्रयास ही बहुत बड़ा असर दिखा सकता है। छात्र दिलीप कुशवाहा, नितिन कुमार, हरितोष कुमार, सौरभ कश्यप, अमित कुमार और सचिन कश्यप की वारि टोली मिलकर गांव गपचरियापुर, किचहिया, सिरसानी, पुर्वा खुते, नुनारी, सुजानपुर्वा, मड़ोक, भगवंतापुर आदि गांवों में पहुंचकर लोगों को जागरूक कर रही है। लोगों को शपथ दिलाते हैं कि कहीं पानी की टोटी या कोई नल खुला होगा, तो उसे बंद करेंगे और अन्य लोगों को भी जागरूक करेंगे। टीम के मार्गदर्शक शिक्षक रामेंद्र सिंह कुशवाहा ने बताया कि जल संरक्षण की दिशा में यह पहल जारी है।