ई-लॉटरी से होगा सरकारी भांग की दुकानों का आवंटन
जागरण संवाददाता, औरैया: भांग के ठेके में अब खेल नहीं हो सकेगा और न ही किसी चहेते को
जागरण संवाददाता, औरैया: भांग के ठेके में अब खेल नहीं हो सकेगा और न ही किसी चहेते को ठेका मिल सकेगा। शासन के निर्देश पर अब ई-लॉटरी से इनकी नीलामी होने जा रही है। जिससे अब खुली बोली की नीलामी प्रक्रिया बंद हो जाएगी। इसके लिए जिला आबकारी कार्यालय की तरफ से कवायद भी शुरू कर दी गई है। आबकारी अधिकारियों की मानें तो नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए यह कवायद की जा रही है।
3200 किलो सालाना है खपत
बता दें कि जिले में कुल 19 सरकारी भांग की दुकानें हैं। इन दुकानों से साल भर में 3200 किलो भांग की खपत होती है। इनमें कानपुर और उसके आसपास एरिया से भांग मंगाई जाती है। इन दुकानों को पिछले कई वर्षो से एक ही ठेकेदार जुगाड़ से नीलामी कराने में सफल हो जाते रहे हैं। कई ठेकेदार तो दोगुनी बोली लगाकर अपने नाम ठेका कर लेते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। जिला आबकारी विभाग की मानें तो सभी भांग के ठेकों की नीलामी ई-लॉटरी के जरिए की जाएगी। इसके तहत ठेकों के आवंटन के लिए पहले आवेदन पत्र लिए जाएंगे। इसके बाद उनका कंप्यूटराइज्ड लकी ड्रा निकाला जाएगा। महंगे छूटते हैं भांग के ठेके
भांग के ठेके सबसे महंगे रेट पर छूटते हैं। कई बार तो उनकी बोली हजारों से शुरू होकर लाखों तक पहुंच जाती है। जिससे दो पक्षों में टकराव की स्थिति भी बन जाती थी। पुलिस भी बुलानी पड़ जाती थी। मगर अब ठेकों की ई-लॉटरी द्वारा नीलामी करने से ये नौबत नहीं आएगी। क्या कहते हैं जिम्मेदार-
जिले में कुल 19 भांग की दुकानें हैं। इन दुकानों का ई- लॉटरी के माध्यम से आवंटन किया जाएगा। - ज्ञानेंद्र नाथ पांडेय, जिला आबकारी अधिकारी