Move to Jagran APP

नए एसपी के लिए चुनौती होंगे 'ब्लाइंड केस'

जागरण संवाददाता, औरैया : हाल ही में शासन ने डायरेक्ट आइपीएस संजीव त्यागी को हटाकर तजुब

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 03:01 AM (IST)
नए एसपी के लिए चुनौती होंगे 'ब्लाइंड केस'
नए एसपी के लिए चुनौती होंगे 'ब्लाइंड केस'

जागरण संवाददाता, औरैया : हाल ही में शासन ने डायरेक्ट आइपीएस संजीव त्यागी को हटाकर तजुर्बेदार एसपी नागेश्वर ¨सह को जनपद की कमान सौंपी है। नागेश्वर ¨सह ने जनपद में आकर चार्ज भी संभाल लिया है। अब नए एसपी के लिए वह अनसुलझे मामले चुनौती बनेंगे जिन्हें तत्कालीन एसपी संजीव त्यागी नहीं सुलझा सके।

loksabha election banner

युवती की सिर कटी लाश की गुत्थी

शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव पुरवारहट के पास खेतों में गत वर्ष 28 अक्टूबर को एक युवती का सिर व हाथ के पंजे कटा शव मिला था। इस मामले में पुलिस ने काफी तेजी से काम शुरू किया, लेकिन अभी तक इसमें कुछ खास सफलता नहीं मिल सकी। तत्कालीन एसपी ने भी इस मामले को काफी संजीदगी से लेते हुए जनपद के तेज तर्रार दारोगाओं को इस मामले के खुलासे में लगाया था। लेकिन शुरुआती लीड के बाद सभी लाइन समाप्त सी होती नजर आईं। इससे यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद एक परिवार ने आकर इस युवती को अपनी पुत्री बताया था। इससे मामले के खुलासे की उम्मीद जगी थी। इसके लिए पुलिस ने उस परिवार के लोगों का डीएनए टेस्ट कराने के लिए भेजा है। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही अब इस मामले में आगे बढ़ा जा सकता है।

सुनील की मौत भी बनी रहस्य

गत वर्ष 17 अगस्त को शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव सुरान के एक खेत में युवक की गला काट कर हत्या कर दी गई थी। करीब दो माह बाद युवक की शिनाख्त जालौन कोतवाली उरई के राजेंद्र नगर निवासी सुनील पुत्र स्व. राजकुमार के रूप में की गई थी। पुलिस अभी तक इस मामले का भी खुलासा नहीं कर सकी है। जबकि तत्कालीन एसपी ने इस मामले के खुलासे के लिए एक्सपर्ट दारोगाओं को लगाया था। हालांकि अब बताया जा रहा है कि इस मामले में पुलिस को कोई लाइन मिली है। जिस पर पुलिस तेजी से काम कर रही है।

विद्युत कर्मियों से 17 लाख लूट का मामला

गत वर्ष जुलाई में बिधूना में विद्युत कर्मियों से 17 लाख रुपये की लूट हुई थी। इस मामले में अभी तक लूट की वारदात को अंजाम देने वाले असली आरोपी नहीं पकड़े जा सके हैं। जबकि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने इस कांड में शामिल बताये जा रहे चार विद्युत कर्मियों को जेल भेजकर जल्द ही असली लुटेरों को पकड़ने की बात कही थी। लेकिन अभी तक आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग सका है। इसी तरह दो वर्ष पूर्व दिबियापुर में हुई एलआईसी कर्मियों से नौ लाख रुपये की लूट के मामले में भी अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।

मामलों को समझने के बाद शुरू करेंगे काम

पुलिस अधीक्षक नागेश्वर ¨सह ने बताया कि जो मामले पुराने हो गये हैं और अब तक उनका खुलासा नहीं हो सका है। ऐसे मामलों को वह कलेक्ट कर रहे हैं। इन सभी मामलों को समझने के बाद इन केसों पर काम कर रहे पुलिस अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। इसके बाद ऐसे मामलों को जल्द से जल्द वर्कआउट किया जाएगा। इसके लिए कुछ ही दिनों में तेजी से काम शुरू कराया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.