नकारात्मक सोच व अपवित्रता समाप्त करना ही नवरात्र व्रत
जागरण संवाददाता औरैया नगर स्थित गौरैया तालाब पर पहली बार ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्या
जागरण संवाददाता, औरैया : नगर स्थित गौरैया तालाब पर पहली बार ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा मां भगवती के नौ स्वरूपों की सजीव झांकी प्रस्तुति का आयोजन नवरात्र के प्रथम दिन से निरंतर चल रहा है। मां के प्रत्येक स्वरूप की मनोहारी झांकी के दर्शन लाभ भक्तों को मिल रहे हैं।
बुधवार को मां के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता का दिन है। ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा आयोजित शिव शक्तियों की चेतन झांकी में बताया जिसमें मां के हस्तों में कमल पुष्प सुशोभित है। कमल जो कीचड़ में ही खिलता है लेकिन फिर भी उसकी जड़ से कितना अलग न्यारा और प्यारा है। इसी प्रकार इस कलयुगी रूपी कीचड़ में अपने श्रेष्ठ जीवन जीना यह कमल का प्रतीक है। स्कंदमाता को औषधि की देवी भी कहते हैं। क्योंकि एक पवित्र मन ही तन का निर्माण करता है एवं पवित्र संकल्प ही पवित्र जीवन का आधार है। आइए इस पर्व पर अपने संकल्पों के स्तर पर नकारात्मक और अपवित्रता को समाप्त करने का व्रत लें। यही सच्ची नवरात्रि का व्रत है यह कार्यक्रम मुख्य संचालिका ब्रह्मा कुमारी कृष्णा बहन के निर्देशन में हुआ। ब्रह्मा कुमारी गीता बहन, छाया शर्मा व उषा ने भरपूर सहयोग किया।