ृ24 बच्चे वायरल व मलेरिया की चपेट में
संवाद सूत्र, दिबियापुर: सहार ब्लाक के करौंदा गांव में बीमारी फैलने से 24 से ज्यादा बच्चे वायरल
संवाद सूत्र, दिबियापुर: सहार ब्लाक के करौंदा गांव में बीमारी फैलने से 24 से ज्यादा बच्चे वायरल व मलेरिया की चपेट में हैं। गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य ने 12 से ज्यादा बच्चों को नगर स्थित सीएचसी में भर्ती कराया है। जिनका मलेरिया की जांच कर व प्राथमिक उपचार किया गया। बीमारी फैलने से पूरे गांव में दशहत फैली है।
गुरुवार को गांव में 24 से ज्यादा बच्चे वायरल व मलेरिया की चपेट में आ गए। गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य मानवेन्द्र ¨सह 108 नम्बर पर फोन कर बच्चों को नगर स्थित सीएचसी ले आए। जिनमें वर्षा पुत्री चन्द्र प्रकाश, प्रिन्स बाबू पुत्र जय प्रकाश को पाजीटिव मलेरिया निकला व शनि राजपूत पुत्र प्रदीप कुमार, लक्ष्मी, प्रिन्शी पुत्री योगेश कुमार, ज्योती पुत्री आदेश कुमार, रामप्रताप पुत्र अवधेश कुमार, शिवम कुमार पुत्र मंगल ¨सह, आकाश पुत्र सुनील कुमार, दीपाली पुत्री शिवचरन, अंजली, ब्रजेन्द्र कुमार को वायरल फीवर निकला है। जिनका उपचार झोला छाप डॉक्टरों से घर पर ही चल रहा है। कई घरों में तो कई बच्चे बिस्तर पकड़े हुये हैं। सीएचसी प्रभारी जितेन्द्र यादव ने बताया सीएचसी में आए बच्चों का प्राथमिक उपचार कर मलेरिया सहित कई जांचे कराई गई हैं। शुक्रवार को जांचें आ जाने के बाद उपचार कराया जायेगा। उधर डिप्टी सीएमओ सुद्धंाशु दीक्षित का कहना है कि उनके पास विद्यालय के प्रधानाचार्य का फोन आया था। स्वास्थ्य मेलों के चलते वह गांव में डॉक्टरों की टीम नहीं भेज पाये। उन्होंने सीएचसी में दिखाने के लिये कहा था। कल ही गांव में टीम भेजकर उपचार कराया जाएगा।
शिक्षक ने दिखाया जज्बा
करौंदा गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य मानवेन्द्र ¨सह ने बताया कि उनके विद्यालय में 75 छात्र छात्राएं पंजीकृत हैं। जिनमें 70 से 72 बच्चे प्रतिदिन विद्यालय आते हैं। 3, 4 दिनों से विद्यालय में बच्चे की संख्या अचानक घट गई तो उन्होंने मालूम किया कि बच्चे विद्यालय क्यों नहीं आ रहे। जिस पर पता चला कि बच्चे बीमार हैं। तो उन्होंने एसीएमओ को मामले की जानकारी दी। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी बच्चों ने विद्यालय आना शुरू नहीं किया तो वह आज बच्चों के घर गये और उनकी बीमारी हालत देखी तो सभी बच्चों को विद्यालय ले आए और एम्बुलेंस बुलाकर दिबियापुर सीएचसी में भर्ती कराया। बाद में उपचार करा अपने निजी वाहन से बच्चों को घर छोड आये।