तिलक ने जलाई थी स्वतंत्रता की मशाल
औरैया, जागरण संवाददाता : स्वतंत्रता आंदोलन के पुरोधा पंडित बाल गंगाधर तिलक के जन्मदिवस पर तिलक शोध स
औरैया, जागरण संवाददाता : स्वतंत्रता आंदोलन के पुरोधा पंडित बाल गंगाधर तिलक के जन्मदिवस पर तिलक शोध संस्थान द्वारा गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने तिलक के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तिलक ने जो स्वतंत्रता की अलख जगाई थी, उसी को आगे बढ़ाते हुए देश को आजाद कराया गया था।
तिलक शोध संस्थान के अध्यक्ष डा. प्रेम नारायण शुक्ल ने तिलक के जीवनवृत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका हर काम देश की आजादी के लिए हुआ करता था। भारतवासियों को एक सूत्र में पिरोने के लिए उन्होंने गणेश व शिवाजी उत्सव जैसे कार्यक्रम की शुरूआत की और अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। बाद में महात्मा गांधी ने उन्हीं के मार्ग पर चलकर देश को आजाद कराया। गोष्ठी के मुख्य अतिथि रामस्वरूप दीक्षित ने तिलक को स्वतंत्रता संग्राम का महान योद्धा बताया। वहीं उनके किए गए स्वतंत्रता आंदोलन के कार्यों की जानकारी भी दी। आशाराम वर्मा ने तिलक को महान योद्धा बताते हुए कहा कि अखबारों व अन्य माध्यमों से देश में स्वतंत्रता की अलख जगाने का अगर अगर किसी ने किया है तो वह हैं लोकमान्य पंडित बाल गंगाधर तिलक। अध्यक्षता कर रहे रामनाथ गुप्त ने भी तिलक को देश की महान विभूति बताते हुए उनके बताए पद चिन्हों पर चलने की बात कही।
गोष्ठी में कवि राजकुमार शुक्ल, सुरेश बाबू चतुर्वेदी, अमर ¨सह, रमेश शर्मा, प्रकाश चंद्र औघड़, अजय अंजाम आदि कवियों ने काव्य पाठ के माध्यम से तिलक को महान योद्धा बताया। कार्यक्रम को मिथुन मिश्र, अवध नारायण गुप्त, डा. राधेश्याम गुप्त, गिरीश वाजपेई, अशोक तिवारी, रविशंकर पांडेय, अशोक खरतल, एसके चतुर्वेदी आदि लोगों ने भी संबोधित किया। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष द्वारा सभी कवियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि रविशंकर शुक्ल ने किया।
इनसेट
नहीं मिले प्रतिमा को दो फूल
औरैया : आजादी के महान पुरोधा तिलक जी के नाम पर शहर में आधा दर्जन संस्थाएं संचालित हो रही हैं, वहीं तिलक महाविद्यालय में बाल गंगाधर तिलक की मूर्ति भी स्थापित है। जन्मदिवस पर कालेज प्रशासन द्वारा प्रतिमा को दो फूल भी समर्पित नहीं किए गए।