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संसाधन के अभाव में ट्रैफिक विभाग 'दुर्घटनाग्रस्त'

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद का ट्रैफिक विभाग संसाधनों के अभाव में खुद ही दुर्घटनाग्रस्त नजर आता है

By Edited By: Published: Sat, 27 Jun 2015 07:29 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2015 07:29 PM (IST)
संसाधन के अभाव में ट्रैफिक विभाग 'दुर्घटनाग्रस्त'

औरैया, जागरण संवाददाता : जनपद का ट्रैफिक विभाग संसाधनों के अभाव में खुद ही दुर्घटनाग्रस्त नजर आता है। जनपद की तकरीबन 15 लाख जनसंख्या के सापेक्ष विभाग में 15 सिपाही भी तैनात नहीं है। आबादी घनत्व के नजरिए से जिले में 15 से अधिक तो कस्बाई क्षेत्र ही है। इस हिसाब से प्रति कस्बा ट्रैफिक का एक सिपाही भी हिस्से में नहीं आता। जनपद में मौजूद छोटे बड़े करीब एक लाख वाहनों के सापेक्ष भी यह संख्या ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है। इधर जिले में नेशनल हाईवे सिक्सलेन का करीब 38 किलोमीटर हिस्सा पड़ता है। यहां यातायात सुगम रखने की जिम्मेदारी भी विभाग की है। खास तौर से शहर के जालौन चौराहा, खानपुर चौराहा और इंडियन आयल तिराहा दुर्घटना बाहुल्य स्थल है।

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जिला बनने के बाद से ही यातायात व्यवस्था की हालत खराब है। शुरू से ही यहां विभाग में संसाधनों का खासा अभाव है। ट्रैफिक धीमा करने के लिए जरूरी उपकरण तक विभाग के पास नहीं हैं। बीते तीन माह से खानपुर व जालौन चौराहा पर ओवरब्रिज शुरू हो गए हैं, लेकिन इससे पहले दोनों चौराहों पर आए दिन दुर्घटनाएं होती थी। यहां ट्रैफिक की रफ्तार कम करने को रो¨लग बैरीके¨डग यातायात पुलिस को गेल व एनटीपीसी से मांगने पड़े थे। गौरतलब है कि कस्बा दिबियापुर व अछल्दा में दिल्ली -हावड़ा रेल मार्ग कस्बा के बीचोंबीच से निकलता है। यहां ट्रैफिक संभालने के लिए सिपाहियों की अच्छी खासी संख्या की दरकार है, लेकिन पर्याप्त तो दूर इन जगहों पर सफेद वर्दी पहने एक सिपाही भी मयस्सर नहीं हो पा रहा है। विभाग का कहना है कि उनके पास ब्रीथ एनालाइजर व स्पीडोमीटर उपलब्ध है, लेकिन इनका इस्तेमाल कहीं नजर नहीं आता। शाम को दुपहिया चालक धड़ल्ले से शराब के नशे में शहर की मुख्य सड़कों से फुल स्पीड गुजर जाते हैं और उन्हें कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। बीते माह गोशाला रोड पर ट्रैफिक वन वे किया गया था। वाहनों को दिबियापुर रोड की ओर से अंदर आना था। जबकि इटावा रोड की ओर से बाजार में वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया था, लेकिन यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई अब यहां जिगजेग बैरीके¨डग एक किनारे रखी नजर आती है और वाहनों का प्रवेश धड़ल्ले से हो जाता है।

जनपद के दुर्घटना बाहुल्य स्थल

नेशनल हाईवे पर अजीतमल कालेज, भीखेपुर चौराहा, मुरादगंज चौराहा, लखनपुर, करमपुर ओवरब्रिज, मिहौली, चिरुहूली, मंडी समिति, जालौन चौराहा, खानपुर चौराहा, दयालपुर चौराहा, इंडियन आयल तिराहा व जनेतपुर स्थित सिक्सलेन मि¨क्सग प्लांट।

- दिबियापुर रोड पर कखावतू नहर पुल, बमुरीपुर, ककोर मुख्यालय, सेहुद गांव व फफूंद चौराहा तथा दिबियापुर कस्बा में नहर पुल।

- फफूंद रोड पर सेंगुर नदी पुल व सड़क के किनारे स्थित गांव।

- अछल्दा व बिधूना कस्बा के प्रमुख चौराहे।

- बेला कस्बा का प्रमुख चौराहा व सहार क्षेत्र में सिरसानी मोड़।

एक पखवारे में हुए प्रमुख हादसे

- चार जून को नेशनल हाईवे पर भाऊपुर के निकट ट्रक की टक्कर से मैजिक के परखच्चे उड़े, 13 घायल

- आठ जून को बिधूना में ट्रक की टक्कर से दो लोगों की मौत

- 10 जून को अजीतमल में बोलेरो ने महिला को रौंदा, बिधूना में बाइक सवार की मौत

- 15 जून को बिधूना में सड़क पार कर रहे बच्चे को ट्रक ने रौंदा

- 19 जून को सहायल थाना क्षेत्र के दिनवामऊ के निकट ट्रक - ट्रैक्टर भिड़ंत पांच की मौत

- 23 जून को रुरुगंज के निकट अनियंत्रित बस पलटी, दर्जन भर गंभीर घायल

गतिरोध के कारण

- विभाग में जनबल की कमी

- आधुनिक उपकरणों का अभाव

- नो इंट्री का पालन न होना

- व्यस्त चौराहों पर भी सिपाहियों की तैनाती नहीं

- सड़कों पर जबरदस्त स्थाई व अस्थाई अतिक्रमण

- प्रमुख कस्बों में यातायात प्रबंधन की योजना का अभाव

क्या है समाधान

- विभाग में बढ़ाई जाए सिपाहियों की संख्या

- आधुनिक उपकरणों का शुरू हो उपयोग

- व्यस्त चौराहों पर तैनात हो सिपाही

- नो इंट्री का सख्ती से हो पालन

- शिविर लगाकर फैलाई जाए यातायात के संबंध में जागरूकता

- रात में लाइट सिगनल से हो नियंत्रण

क्या कहते हैं लोग

व्यापारी नेता संजय दीक्षित का कहना है कि प्रमुख बाजारों में पार्किंग की व्यवस्था की जाए। दुकानों के सामने दुपहिया वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है जिसके चलते यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। उनका कहना है कि प्रमुख चौराहों पर फुटपाथ के आगे रे¨लग लगाकर अतिक्रमण रोका जा सकता है।

शिक्षक श्रीओम चतुर्वेदी का कहना है कि अधिकांश हादसे बेतरतीब ट्रैफिक के चलते होते हैं। प्रमुख स्थानों पर यातायात कर्मी तैनात रहे तो इसे व्यवस्थित किया जा सकता है।

मेडिकल स्टोर संचालक आनंद गुप्ता का कहना है कि दुपहिया चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया जान चाहिए। इससे दुर्घटना से होने वाली क्षति में कमी लाई जा सकती है।

स्वास्थ्य कर्मी विनय कुमार का कहना है कि टेंपो व मैजिक में ओवरलोड सवारियां अक्सर दुर्घटना का कारण बनती है। छोटे वाहनों में तय मानक से अधिक सवारियां भरने पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

फिलहाल वीआईपी ड्यूटी के चलते जिले में यातायात कर्मियों की संख्या बेहद कम हो गई है। वैसे भी विभाग कम कर्मियों की समस्या से दो चार हो रहा है। इस संबंध में शासन से और कर्मियों की तैनाती का प्रयास कराया जा रहा है। ट्रैफिक कंट्रोल के अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए 2.77 लाख का बजट हासिल हो गया है। अगले सप्ताह जरूरी संसाधन जुटा कर विभागीय कर्मियों को उपलब्ध करा दिए जाएंगे। आगामी एक जुलाई को शून्य दुर्घटना दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन जगह -जगह शिविर लगाकर लोगों को सुगम यातायात की जानकारी भी दी जाएगी।

मनोज तिवारी, पुलिस अधीक्षक


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