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भगवत श्रवण मात्र में साधक में भक्ति का जन्म

By Edited By: Published: Tue, 26 Aug 2014 01:03 AM (IST)Updated: Tue, 26 Aug 2014 01:03 AM (IST)
भगवत श्रवण मात्र में साधक में भक्ति का जन्म

औरैया, जागरण संवाददाता : मोहल्ला रुहाई में श्रीमद्भागवत सप्ताह में आचार्य सुशील कुमार शुक्ल ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही साधक में भक्ति का जन्म होता है और भक्ति से ही जीव की मुक्ति होना संभव है।

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उन्होंने कहा कि भगवत पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जिसके श्रवण मात्र से मृत्यु मंगलमय होती है। आचार्य ने वर्तमान व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे समाज में भक्ति,ज्ञान, वैराग्य, सेवा व समर्पण का भाव न होने के कारण ही हमारा समाज कुरीतियों की ओर बढ़ता चला जा रहा है। हमारे समाज में ज्ञान तो है पर उस ज्ञान से काम चलने वाला नहीं है। आचार्य ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब कंस वध के बाद भगवान कृष्ण मथुरा रहने लगे तो गोपियां व्याकुल हो गई और भगवान कृष्ण का संदेश लेकर ऊधौ गोकुल पहुंचे तो उनके पास जो ज्ञान था, वह अधूरा रह गया। क्योंकि उस ज्ञान में प्रेम की पुट न होने के कारण उन्हें प्रेम नगरी में लंगड़ा होना पड़ा। आचार्य ने अंत में भगवान श्रीकृष्ण की जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि पृथ्वी पर जब जब अत्याचारी आतताइयों का प्रभाव अधिक हुआ है तो भगवान ने स्वयं प्रकट होकर दुष्टों का नाश कर राम राज की स्थापना की। अंत में परीक्षित अशोक अग्रवाल व सुनीता अग्रवाल ने व्यास पीठ व आचार्य की आरती उतारी।


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