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1800 करोड़ के प्रोजेक्ट में भूमि मुआवजे का रोड़ा

By Edited By: Published: Sun, 20 Jul 2014 01:10 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jul 2014 01:10 AM (IST)

कंचौसी(औरैया), संवाद सूत्र : जनपद के लिए यूएम पावर प्रोजेक्ट मील का पत्थर साबित हो सकता है, लेकिन इस थर्मल पावर हाउस के निर्माण में भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का पेंच फंसा है। 388 एकड़ जमीन को अधिग्रहीत किया जा चुका है जिसमें 10 फीसद किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। यही किसान अपने मुआवजे को लेकर बराबर मांग कर रहे हैं। आरोप है कि कंपनी ने धोखाधड़ी कर उनकी जमीन हथिया ली है। किसानों का यह भी कहना है कि वर्तमान सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दिया जाए। वहीं कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला है, उनके मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं। कोर्ट के आदेश का पालन होगा।

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यूएम पावर प्रोजेक्ट बनाने के लिए जमौली, कंचौसी, ढिकियापुर, नौगवां, सूखमपुर, घसा का पुरवा, हरतौली, करौंधा सेहुद के 720 किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी। कंपनी ने 5.30 लाख एकड़ के हिसाब से जमीन खरीदी थी। बताते हैं कि 10 फीसद किसानों ने सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा न मिलने पर आक्रोश जताया था। इस पर मामला हाईकोर्ट चला गया। अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं आ सका है। मुआवजा न मिलने से खफा किसानों का आरोप है कि धोखे से उनकी जमीन हथिया ली गई। इसी का नतीजा है कि परिवार भुखमरी के कगार पर हैं।

किसान नेता ने लगाया आरोप : शनिवार को हुई घटना पर किसान नेता नरेंद्र सिंह यादव ने आरोप लगाया कि कंपनी के अधिकारी जबरदस्ती भूमि पूजन कराना चाहते थे। किसान अपनी मांग को लेकर कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे, लेकिन वहां कर्मचारियों व सुरक्षा गार्डो ने बदसलूकी की जिससे किसान आक्रोशित हो उठे। कहा कि यदि थाने में किसानों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। कंपनी के अधिकारियों ने दबंगई दिखाकर पहले जमीन हड़पी और अब मुआवजा भी नहीं दे रहे हैं।

एक बार पहले भी हो चुका भूमि पूजन : यूएम पावर प्रोजेक्ट का भूमि पूजन पिछले साल तत्कालीन दर्जा प्राप्त मंत्री रामबाबू यादव तथा गोपीचंद यादव की मौजूदगी में हुआ था। उस दौरान भी विरोध के स्वर उभरे थे, लेकिन उसे किसी तरह ठंडा कर दिया गया था। शनिवार को एक बार फिर भूमि पूजन का कार्यक्रम था। किसानों का कहना है कि आखिर कंपनी के अधिकारी कितने बार भूमि पूजन का कार्यक्रम करेंगे। किसान अभय राम, रामफल, शिव नारायण सिंह, लाल सिंह, जगदीश, सुघर सिंह, हरीराम, करन सिंह आदि का कहना है कि किसानों के हक को न छीना जाए यदि जोर जबरदस्ती की गई तो किसान चुप नहीं बैठेगा।

मुख्यालय पहुंचे किसान : किसानों को जब मालूम चला कि पावर प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की तहरीर दी है तो ट्रैक्टर पर सवार होकर आधा सैकड़ा से अधिक किसान मुख्यालय पहुंचे। उनका कहना था कि जिलाधिकारी से बातचीत कर उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया जाएगा, ताकि बेगुनाह किसानों पर कानूनी शिकंजा न कस सके।


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