यूपीएसआइडी नहीं दिलवा सकी किसानों को कब्जा
उत्तर-प्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड द्वारा बाइस साल पूर्व कब्जाई गई औद्योगिक क्षेत्र में साढ़े बाइस बीघा जमीन अब हाईकोर्ट के आदेश पर कब्जा मुक्त कराई जाएगी। चूंकि इस जमीन को
गजरौला: उत्तर-प्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के नोएडा व बरेली से पहुंचे अधिकारी यहां औद्योगिक क्षेत्र में किसानों को भूमि पर कब्जा नहीं दिलवा सके। दिन भर इसको लेकर संबंधित क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल बना रहा। किसान कब्जे के लिए अपने-अपने कागजात लिए उनके आगे पीछे घूमते रहे।
गांव नाईपुरा खादर निवासी किसान अलीहसन, मुमताज, शरीफ, जरीफ, अली वारिश, मुन्ने, शाहिद, शाबिर व अनीस इत्यादि की लगभग साढ़े 22 बीघा जमीन औद्योगिक क्षेत्र में है। किसानों के मुताबिक वर्ष 1996 में उत्तर-प्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड द्वारा उनकी जमीन का अधिग्रहण कर किया गया था। जिसका संस्था द्वारा सर्किल भूमि मूल्य के आधार पर मुआवजा देने की वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया। वर्ष 2014 में किसान ने संस्था के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में चले गए। हाईकोर्ट ने 23 जुलाई 2017 को किसानों के पक्ष में आदेश देते हुए उनकी जमीन वापस दिलाने को कहा। किसानों की जमीन उन्हें नहीं सौंपी गई। किसानों के अधिवक्ता कृष्णकांप मिश्रा के माध्यम से कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने की पुन: याचिका डाली। इसपर हाल में 16 जनवरी को कोर्ट द्वारा फिर से 23 जनवरी 2019 तक हर हाल में जमीन किसानों को सुपुर्द कर उसका मैमो भी कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया। इसी दिन किसानों को कब्जा दिलाने के संदर्भ में यूपीएसआइडी के अधिशासी अभियंता नोएडा ने पत्र जारी करते हुए किसानों व अधिकारियों को 18 जनवरी को मौके पर पहुंचने को कहा। इसके तहत गौतम बुधनगर से एक्सइसन नीरज खरे व बरेली से आरएम सीके मौर्य व लेखपाल तेजपाल ¨सह शुक्रवार को मौके पर पहुंचे। दिन भर यहां कागजात देखे गए। बावजूद इसके किसानों को जमीन पर कब्जा नहीं मिल सका। जिस गाटा संख्या भूमि पर कब्जा दिलाना था, वहां एक फैक्ट्री आ रही है। इसी कारण उस पर मंथन चलता रहा। उधर यूपीएसआइडी के एक्सइएन नीरज खरे ने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा किसानों के पक्ष में फैसला सुनाया गया है। इसका पालन कराने को पहुंचे हैं। प्रक्रिया चल रही है।
----------------------------------- फैक्ट्री मंडराया संकट
गजरौला : औद्योगिक क्षेत्र में किसानों की जमीन को यूपीएसआइडी द्वारा वर्ष 2006 में हैदराबाद के एन श्रीनिवास राय को 99 वर्षों के लिए 60 लाख रुपये में लीज पर दे दी थी, लेकिन अब हाईकोर्ट द्वारा जमीन को कब्जा मुक्त कराने के आदेश के बाद जैविक खाद बनाने वाली नवभारत नामक फैक्ट्री पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। कंपनी के जनरल प्रबंधक वीके राय ने बताया कि कोर्ट का आदेश सर्वोपरि है। उसका पालन किया जाएगा। उनकी कंपनी भूमि देने को तैयार है। संस्था से कंपनी के नुकसान के भुगतान की मांग करेंगे।