गजरौला में है सबसे छोटी बाइबिल
यहां एक सबसे छोटी पुस्तक लोगों में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यह पुस्तक धार्मिक ग्रंथ बाइबिल है, जिसे सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त राम¨सह बौध ने अपने पुस्तकालय में सहेज कर रखी है। वह इसे दुनिया की सबसे छोटी धार्मिक पुस्तक होने का दावा भी कर रहे हैं। फिलहाल जब से लोगों को इसकी जानकारी हुई है,
गजरौला : यहां एक सबसे छोटी पुस्तक लोगों में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यह पुस्तक धार्मिक ग्रंथ बाइबिल है, इसे सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त राम¨सह बौद्ध ने अपने पुस्तकालय में सहेज कर रखा है। वह इसे दुनिया की सबसे छोटी धार्मिक पुस्तक होने का दावा भी कर रहे हैं। फिलहाल जब से लोगों को इसकी जानकारी हुई है, तब से इसे देखने को स्थानीय लोग पहुंच जाते हैं।
राम¨सह बौद्ध यहां के मुहल्ला नाईपुरा के निवासी हैं। उत्तर-प्रदेश राज्य भंडारण निगम मुरादाबाद में वरिष्ठ प्रबंधक पद से रिटायर्ड श्री बौद्ध पुरानी वस्तुओं का संग्रह करने के शौकीन हैं। पुस्तकें पढ़ने के शौकीन श्री बौद्ध ने यूं तो अपने यहां ऐसी तमाम प्रचलन से बाहर हो चुकी विभिन्न वस्तुओं का खजाना एकत्र कर रखा है, लेकिन उसी खजाने में मौजूद सबसे छोटी 252 पेज की पुस्तक बाइबिल देखते ही बनती है। लोगों की नजर पढ़ती है तो हटने का नाम ही नहीं लेती। दिमाग में तरह-तरह के सवाल खडे होने लगते हैं। दरअसल यह पुस्तक 1925 में प्रकाशित हुई है। इसका साइज 3 गुणा 1.50 इंच है। राम¨सह बौद्ध इसे दुनिया की सबसे छोटी पुस्तक होने का दावा जता रहे हैं।
उनका कहना है कि एक समाचार पत्र में उनके द्वारा सबसे छोटी पुस्तक 4 गुणा 2.5 इंच साइज रिकार्ड में दर्ज होना पढ़ा था। इस आधार पर वह अपने पास मौजूद पुस्तक को दुनिया की सबसे छोटी होने का दावा कर रहे हैं। इसके एक पेज पर ईसा मसीह की तस्वीर छपी है तो दूसरी तरफ पेज सुपुरलो मैन्युअल मिस्साचो ¨प्रट है। उसके नीचे एनिम ,क्युमसर कम्यूनहॉचो, अप्रोवकाओ आस्त सेब जैसे अंग्रेजी भाषा में लिखे शब्द पढ़ने में आ रहे हैं। हालांकि यह पुस्तक कहां से हासिल हुई, इस बारे में तो उन्होंने कुछ नहीं बताया, लेकिन यह उनके पास काफी समय से सहेजे हुए रखी होने की बात कही, जिसे देखने को काफी लोग पहुंचते रहते हैं।