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नींव में नोटिस दबाकर खड़ा हो गया शापिग माल

जेएनएन अमरोहा एक गरीब आदमी रहने को छोटा सा मकान बनाए तो उसे तहसील से नोटिस मिल जाता

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 12:05 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 12:05 AM (IST)
नींव में नोटिस दबाकर खड़ा हो गया शापिग माल

जेएनएन, अमरोहा : एक गरीब आदमी रहने को छोटा सा मकान बनाए तो उसे तहसील से नोटिस मिल जाता है। उसके निपटारे को दौड़-दौड़कर उसकी चप्पलें घिस जाती हैं। वहीं शहर की सड़कों पर बड़े-बड़े माल व अन्य व्यवसायिक कांप्लेक्स बनते जा रहे हैं, जिम्मेदार साहब इन्हें सिर्फ नोटिस देकर ठंडे पड़ जाते हैं। ये नोटिस अवैध निर्माण की नींव में दब जाते हैं। बिना पार्किंग वाले अवैध निर्माण जाम की वजह बनते जा रहे हैं।

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शहर की व्यवस्थित बसावट के लिए अमरोहा तहसील में विनियमित क्षेत्र का कार्यालय मौजूद है। यहां तैनात अवर अभियंता की जिम्मेदारी व्यवसायिक व आवासीय भवनों के मानचित्र स्वीकृत कर राजस्व जमा कराने की है। बिना नक्शा पास कराए निर्माण कराने वालों के खिलाफ जुर्माना, सीलिग व ढहाने का प्रावधान है। मगर अवैध ढंग से निर्माण कराने वालों पर जेई समेत तहसील प्रशासन मेहरबान रहता है। इससे न सिर्फ राजस्व को चूना लगता है बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था भी ध्वस्त हो जाती है। पिछले लगभग दो साल से जोया रोड पर वेव शुगर मिल के सामने एक व्यवसायिक कांप्लेक्स का निर्माण चल रहा है। इसके सामने पार्किंग के लिए एक इंच भी जगह नहीं छोड़ी गई है। सवाल उठता है कि माल पहुंचने वाले ग्राहकों के वाहन कहां खड़े होंगे। जबकि अमरोहा के आवागमन के लिए यह मुख्य राजमार्ग है। इससे स्पष्ट है कि माल के शुरू होते ही सड़क पर ग्राहकों के वाहनों से जाम लगेगा। तीन एसडीएम बदले कार्रवाई कोई नहीं

शापिग माल के निर्माण की अवधि में तीन एसडीएम बदल चुके हैं। स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अवैध निर्माण की सूचना पर तत्कालीन एसडीएम आइएएस शशांक चौधरी ने पिछले साल 16 दिसंबर को सीमा भार्गव के नाम पर नोटिस जारी किया था। इसके बाद तहसील की कमान एसडीएम विवेक यादव को मिल गई। उनके कार्यकाल में न अवैध निर्माण रुका न ही कोई कार्रवाई हुई। पिछले तीन महीने से विजय शंकर यहां एसडीएम हैं। वह भी रोज इसी अवैध निर्माण के सामने से होकर अपने दफ्तर पहुंचते हैं। मगर उनके दिमाग में भी आज तक यह सवाल नहीं कौंधा कि इस माल के आगे वाहन कहां खड़े होंगे। इसी तरह दानिशमंदान में भी सड़क पर ही 15 दुकानों का निर्माण चल रहा है। इस मामले में शहनवाज मंसूरी व जुल्फिाकर मंसूरी के नाम से नोटिस जारी कर अफसर शांत हो गए। जट बाजार में दीपाली जैन के खिलाफ जारी अवैध निर्माण का नोटिस भी नींव में दफन है। छह हजार से अधिक नोटिस लंबित

अवैध निर्माण के खिलाफ विनियमित क्षेत्र से अब तक छह हजार से अधिक नोटिस जारी किए जा चुके हैं। ये सभी मामले वर्षों से लंबित हैं। जबकि नियम है कि नोटिस का जवाब न मिलने पर तहसील प्रशासन अवैध निर्माण ढहा सकता है। सूत्रों की मानें तो इन नोटिसों के आधार पर अवैध वसूली का खेल खेला जाता है। नोटिस जारी होने के बावजूद अगर अवैध ढंग से निर्माण कर लिया गया है तो मामला संगीन है। प्रकरण की जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विजय शंकर, एसडीएम अमरोहा


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