'जुगाड़' पर टिकी मासूमों की ¨जदगी
अमरोहा : बच्चों को ज्ञान प्रदान करने वाले स्कूल ही उनकी ¨जदगी को खतरे में डाल रहे हैं। यात
अमरोहा : बच्चों को ज्ञान प्रदान करने वाले स्कूल ही उनकी ¨जदगी को खतरे में डाल रहे हैं। यातायात नियम और कानून की धज्जियां उड़ाते हुए प्राइवेट स्कूल संचालकों के अलावा माध्यमिक और परिषदीय स्कूलों के संचालक जुगाड़ू वाहनों से बच्चों को ढो रह हैं। इस पर न तो विभाग शिकंजा कस रहा और न ही अभिभावक ध्यान दे रहे हैं।
मान्यता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों के संचालक मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। शहर हो या ग्रामीण हर जगह स्कूल संचालक बच्चों के प्रति बेपरवाह बने है। ऐसा नहीं कि इन सब के बारे में अभिभावक नहीं जानते मगर वह भी बच्चों के भविष्य के आगे चुप्पी साधे बैठे रहते हैं। जिला मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर दूर जोया विकास खंड के एक गांव में स्कूल संचालक यातायात नियमों को ताक पर रखकर बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां पर कई ऐसे में स्कूल हैं जो बच्चों को जुगाडू़ से ढोते है। इनमें निजी स्कूलों के साथ ही मान्यता प्राप्त स्कूल भी शामिल हैं। यह एक दिन का नहीं बल्कि प्रतिदिन का कार्य है। इसके लिए ट्रैक्टर-ट्राली को बाकायदा मोटी पॉलीथीन से ढका भी गया है जिससे बच्चे सुरक्षित रह सके। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सारे स्कूल है जिनके पास सिर्फ जुगाड़ की साधन है। ऐसा नहीं कि अभिभावक इससे अंजान है। मगर वह बच्चों के भविष्य को देखकर इससे भी समझौता कर लेता है। ऐसा नहीं कि अफसरों के संज्ञान में नहीं लेकिन वह चुप्पी साधे बैठे रहते है। इस पर सख्ती से पाबंदी लगाने का आदेश है। मगर सरकारी आदेशों को ठेंगे पर रखकर स्कूल संचालक मनमानी करने पर उतारू हैं। परिवहन विभाग से स्कूल में बसों की परमिट दी जाती है। बाकी की गाड़ियों की टैक्सी में परमिट होती है। इन गाड़ियों से अगर स्कूल प्रशासन बच्चों को ढोने का कार्य कर रहा है तो यह गलत है। यही नहीं अगर ट्रैक्टर-ट्राली या जुगाड़ से बच्चों को ढोया जा रहा है तो गलत है। इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजेश ¨सह, एआरटीओ। जिले के समस्त मान्यता प्राप्त स्कूलों की जांच कराई जाएगी। जहां भी जुगाड़ू या फिर ट्रैक्टर-ट्राली व आटो, ई-रिक्शा से बच्चों को ढोते पाया गया। उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसमें मान्यता आहरण के साथ ही संचालक के खिलाफ कानून कार्रवाई भी की जाएगी। इसके लिए बीईओ और एबीआरसी की टीम बनाई जाएगी।
गौतम प्रसाद, बीएसए। स्कूलों में अगर इस प्रकार के वाहनों का प्रयोग हो रहा है, गलत है। सभी प्रधानाध्यापकों को पत्र जारी कर तत्काल जुगाड़ और ई-रिक्शा व आटो से बच्चों को स्कूल लाने व ले जाने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है। उसके बाद भी अगर सुधार नहीं आता है तो प्रधानाचार्य पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
रामाज्ञा कुमार, डीआइओएस।