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घर फात्मा का लुट गया और मैं कुछ न कर सकी..

नौगावां सादात : छह मोहर्रम का मातमी जुलूस गमगीन माहौल में मुहल्ला हफ्ता बाजार स्थित इमाम बारगा

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Sep 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 28 Sep 2017 03:00 AM (IST)
घर फात्मा का लुट गया और मैं कुछ न कर सकी..

नौगावां सादात : छह मोहर्रम का मातमी जुलूस गमगीन माहौल में मुहल्ला हफ्ता बाजार स्थित इमाम बारगाह पुख्ता बंगला से बरामद हुआ। अजादारों ने कर्बला के शहीदों की याद में सीनाजनी कर मातम किया। मजलिसें भी आयोजित की गईं जिनमें कर्बला के शहीदों का जिक्र किया गया।

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बुधवार को कस्बे के मुहल्ला हफ्ता बाजार स्थित इमाम बारगाह पुख्ता बंगला से दोपहर एक बजे छह मोहर्रम का मातमी जुलूस बरामद किया गया। सबसे पहले मौलाना मोहम्मद अब्बास ने कर्बला के शहीदों का जिक्र किया। इसे सुनकर अजादारों की आंखें नम हो गई। अंजुमने हैदरी के तत्वावधान में बरामद हुए इस मातमी जुलूस में सबसे आगे मरसिया ख्वां अली अंसार व हमनवां नोहा पढ़ते हुए चल रहे थे। उसके बाद जुलजुना था। शबीह-ए-हबीब इब्ने मजाहिर व शबीह-ए-औन व मोहम्मद थीं। अलम भी शामिल रहे। उसके बाद अजादार नंगे पैर चल रहे थे। यह जुलूस दौलत शहीद होता हुआ बड़ी इमली पहुंचा तो वहां इरशाद अली व वसी हैदर ने रियाज नौगावीं का लिखा नोहा-घर फात्मा का लुट गया, मैं कुछ न कर सकी पेश किया। यहां के बाद से जुलूस कटकुई व हुसैनी चौक होता हुआ शाह फरीद पहुंचा। जहां पर अली शब्बर व आदिल ने देखो में मोहम्मद का नवासा हूं और तीन शब-ओ-रोज का प्यासा हूं पेश किया।

उसके बाद यह जुलूस मेन बाजार, अली चौक, अबुतालिब चौक, बुध बाजार होता हुआ इमाम बारगाह पुख्ता बंगला पहुंचा।

इस मौके पर मौलाना अब्बास, हुसैन अब्बास, सिब्ते हैदर, शोबी, कौसर अब्बास, अशरफ शादाब, नदीम जैदी, फैजान, शेर अली, इरशाद अली व वसी हैदर मौजूद रहे।


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