सूचना के अधिकार से भ्रष्टाचार पर प्रहार
अमरोहा : आरटीआइ के रूप में देश के लोगों को एक ऐसा हथियार मिला है जिससे भ्रष्टाचार पर
अमरोहा : आरटीआइ के रूप में देश के लोगों को एक ऐसा हथियार मिला है जिससे भ्रष्टाचार पर जोरदार प्रहार कर लोगों को परेशानी से निजात दिलाने के साथ ही देश को विकास के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है। इसके बाद भी इसका उपयोग लोग नहीं कर रहे हैं। एक तो लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है, दूसरे कुछ लोगों पर यह विचार भारी है कि अपना काम बने बाकी दुनिया से क्या? इससे इतर अमरोहा शहर के दानिशमंदान निवासी अनिल कुमार जग्गा लोगों को इस अधिकार की महत्ता के साथ ही इसके प्रयोग का तरीका भी बता रहे हैं। समाज और देश की भलाई के लिए उपयोग करने के लिए प्रेरित भी करते हैं। उन्होंने स्वयं भी विभिन्न जानकारियां मांगकर जिले में घोटालों की पोल खोली हैं। अब तक इस कानून के जरिए वह पाच बड़े घोटालों का पर्दाफाश कर कार्रवाई करा चुके हैं। इसके अलावा अनिल यातायात व्यवस्था में सुधार को लेकर भी सजग हैं।
अनिल समाजसेवी हैं और स्टेशन रोड पर टिकट बुकिंग की उनकी दुकान है। सूचना का अधिकार कानून का सदुपयोग कैसे होता है इस बारे में उन्हें अच्छी जानकारी है। वर्ष 2013 में उन्होंने जिले में सड़क निर्माण में हुए करीब तीन करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया था। फिर वर्ष 2015 में अमरोहा-जोया रोड पर फोरलेन निर्माण में हुई धाधली को भी उजागर कराया। निजी व सरकारी स्कूलों में फीस निर्धारण के मामले में भी आरटीआइ के जरिए उनकी जानकारी के आधार पर जिले के कई स्कूलों को पुराना फीस स्ट्रक्चर लागू करना पड़ा। अमरोहा-नौगावा रोड पर स्थित बुनकर कालोनी की जमीन को भी जग्गा ने सूचना के अधिकार से कब्जा मुक्त कराया। नगर पालिका में बिना रजिस्ट्रेशन चलाए जा रहे वाहनों का राजफाश भी जग्गा की आरटीआइ से हुआ। इसके बाद पालिका को सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ा। सूचना के अधिकार कानून के तहत किए गए उनके कार्यो से देश और समाज के साथ ही लोगों को भी लाभ हुआ है। इसके अलावा उन्हें यातायात व्यवस्था में सुधार के प्रयासों के लिए भी जाना जाता है। कहते हैं कि भ्रष्टाचार पर चोट करने के लिए आरटीआइ सबसे बेहतर रास्ता है। लोगों को इसका प्रयोग करना चाहिए। इससे भ्रष्टाचार पर तो लगाम लगती ही है। देश और समाज के लोगों को भी इससे फायदा होता है। वह इसके लिए लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।