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छह फीसद ने छोड़ दी शिक्षक पात्रता परीक्षा

टीईटी परीक्षा - - 16,9

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 12:19 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 12:19 AM (IST)
छह फीसद ने छोड़ दी शिक्षक पात्रता परीक्षा

अमरोहा: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा रविवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। किसी भी केंद्र पर कोई मुन्नाभाई नहीं पकड़ा गया। हालांकि दोनों पालियों में करीब छह फीसद अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। प्राथमिक स्तर की टीईटी में 673 तथा उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी में 374 अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे। परीक्षा के शांतिपूर्ण ढंग से निपट जाने से अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है।

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उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा को जिले में 18 केंद्र बनाए गए थे। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 16,985 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इसमें 11,128 प्राथमिक और 5,857 उच्च प्राथमिक स्तर के अभ्यर्थी शामिल हैं। प्राथमिक स्तर की परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक सभी 18 केंद्रों पर संपन्न हुई। इस परीक्षा 10,455 अभ्यर्थी शामिल हुए, 673 ने विभिन्न कारणों से परीक्षा छोड़ दी। जबकि दोपहर 3 बजे से शाम 5.30 बजे तक उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी जनपद के 10 केंद्रों पर संपादित कराई गई। उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में 5,483 अभ्यर्थी शामिल हुए। 374 अभ्यर्थी परीक्षा से गैरहाजिर रहे। अपर जिलाधिकारी गुलाब चंद्र ने बताया कि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा रविवार को सभी केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। कहीं से भी किसी भी तरह की गड़बड़ी की सूचना नहीं है। स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी परीक्षा की सतत निगरानी को लगाया गया था। इनसेट -

बिना अंकपत्र के नहीं मिला प्रवेश

अमरोहा: दोनों स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा से 1047 अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे। इनमें अधिकांश तो परीक्षा देने आए ही नहीं। जबकि कुछ छात्रों ने कालेज प्रबंधन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए परीक्षा में न बैठने देने के आरोप लगाए थे। जिला प्रशासन तक भी शिकायतें पहुंची थीं। लेकिन ओरिजनल मार्कशीट या पहचान पत्र के बिना प्रवेश नहीं दिया गया। हालांकि संबंधित संस्था द्वारा प्रमाणित इंटरनेट से निकाली या अंकपत्र की फोटो कापी मान्य थी। अपर जिलाधिकारी गुलाब चंद्र ने बताया कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर उक्त अभ्यर्थियों को परीक्षा कक्ष में प्रवेश नहीं दिया गया। अभ्यर्थियों द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।


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