अमरोहा से पैसे ट्रांसफर करने वालों पर टिकी एसआइटी की नजर
अमरोहा: यदि किसी मामले में एसआइटी यानि विशेष जांच टीम का हस्तक्षेप है तो निश्चित ही वह प्रकरण बड़ा हो
अमरोहा: यदि किसी मामले में एसआइटी यानि विशेष जांच टीम का हस्तक्षेप है तो निश्चित ही वह प्रकरण बड़ा होगा। ऑनलाइन सट्टा लगाने वाले गैंग पर शासन स्तर से जांच की जा रही है। मुरादाबाद मंडल भी इससे अछूता नहीं है। हसनपुर में इस गैंग के गुर्गे की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में भी एसआइटी जांच कर रही है। अमरोहा से प्रयागराज पैसे ट्रांसफर करने वालों पर नजर रखी जा रही है। ताकि सटोरियों के गैंग में शामिल लोगों को दबोचा जा सके। माना जा रहा है कि करोड़ों रुपये के लेनदेन का मामला प्रकाश में आ सकता है।
रविवार को हसनपुर पुलिस ने भाकियू नेता महिपाल सिंह से 37 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले युवक रामसिंह उर्फ अमित उर्फ रेहान को गिरफ्तार किया। ऑनलाइन सट्टा खेलने वाले गैंग के गुर्गे रेहान की गिरफ्तारी होने भर से इस खेल का पटाक्षेप नहीं हो रहा। बल्कि तमाम सवाल ऐसे भी खड़े हो रहे हैं जो केवल अमरोहा ही नहीं बल्कि मंडलभर में फैले इस गैंग के जाल को उजागर कर सकते हैं। इस गैंग में कितने लोग शामिल हैं इस पर अमरोहा पुलिस की नजर तो अब टिकी है, परंतु शासन द्वारा गठित एसआइटी यानि स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम महीना भर पहले से काम कर रही है।
एसआइटी की लखनऊ शाखा की नजर प्रयागराज में बैठे सट्टा माफिया व हसनपुर से उसके खातों में हो रहे लेनदेन पर है। चर्चा है कि अब एसआइटी केवल अमरोहा ही नहीं बल्कि मुरादाबाद मंडल से प्रयागराज के बैंक खातों में भेजी गई रकम की जांच कर रही है। यह रकम करोड़ों में भी हो सकती है। इसकी पुष्टि करते हुए हसनपुर प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया 15 दिन पहले पीड़ित महिपाल सिंह के पास लखनऊ से कॉल आई थी। कॉलर ने खुद को एसआइटी से बताते हुए उनके पास से किए गए पैसे के लेनदेन के बारे में बताया था। चूंकि महिपाल सिंह मनी ट्रांसफर का काम भी करते हैं। लिहाजा इस कॉल के आने के बाद वह परेशान हो गए तथा उन्होंने हसनपुर पुलिस को सूचना दी। तब जाकर रामसिंह उर्फ अमित उर्फ रेहान की गिरफ्तारी हुई।
उन्होंने बताया आरोपित बीते डेढ़ साल से प्रयागराज व अन्य खातों में पैसे भेजने का काम कर रहा था। प्रतिदिन दस से 15 हजार रुपये का लेनदेन करता था।