बंद फैक्ट्री में फंदे पर लटकी मिली लाश
हाईवे किनारे स्थित बंद पड़ी शिवालिक सेलूलोज लिमिटेड फैक्ट्री के अंदर एक पेड़ पर युवक की लाश मिलने पर सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश फंदे से उतारा। काफी देर आसपास के लोगों से पहचान
गजरौला : हाईवे किनारे स्थित बंद पड़ी शिवालिक सेलूलोज लिमिटेड फैक्ट्री के अंदर पेड़ पर लटकी युवक की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को उतारा। काफी देर आसपास के लोगों से पहचान कराई, लेकिन शिनाख्त नहीं होने पर उसे पोस्टमार्टम को भेज दिया।
चौपला पुलिस चौकी के पास स्थित इस फैक्ट्री में खंडहर भवन व पड़े खड़े हैं। इनमें बेर के पेड़ भी हैं। मंगलवार की दोपहर नाईपुरा मुहल्ले के कुछ बच्चे हाईवे से फैक्ट्री की दीवार फांदकर बेर तोड़ने गए थे। पेड़ पर 40 वर्षीय युवक की लाश लटकी देखकर बच्चों की चीख निकल गई और वह उल्टे पैर दौड़ गए। उन्होंने मामले की जानकारी सड़क किनारे खड़े व्यक्ति को दी। व्यक्ति ने थाना पुलिस को अवगत कराया।
इसके बाद मौके पहुंचे प्रभारी निरीक्षक र¨वद्र ¨सह ने लाश को फंदे से नीचे उतरवाया। उधर लाश का पता लगने पर महिला-पुरुषों की भीड़ जुट गई। पुलिस ने पहचान कराने का प्रयास किया लेकिन उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को घटना स्थल से एक देशी शराब का खाली पव्वा, गिलास, बीड़ी, माचिस, सफेद चादर व प्लास्टिक का झोला मिला है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। गल गया शरीर और पक्षियों ने नोच डाला मुंह
गजरौला : मंगलवार को पेड़ पर लटकी मिली लाश एक सप्ताह पुरानी मानी जा रही है। मृतक का शरीर पूरी तरह से काला पड़ने के साथ गल भी चुका था। मुंह व आंखों को पक्षियों ने नोच दिया था। इससे उसका मुंह भी खून से सना था। शरीर अकड़ा हुआ था। मृतक के पैर में जूते-मौजे, बदन पर पेंट, पजामी, जर्सी, इनर व शर्ट भी थी।
2001 से बंद पड़ी है फैक्ट्री, सुरक्षा गार्डों से की पूछताछ
गजरौला : हाईवे किनारे स्थित शिवालिक सेलूलोज लिमिटेड फैक्ट्री वर्ष 2001 से बंद पड़ी है। मशीनरी, भवन आदि वजह से निगरानी के लिए फैक्ट्री में तीन सुरक्षा गार्ड रहते हैं। घटना के बाद पुलिस ने दो गार्डों से पूछताछ की।
जिला बलिया के थाना बासडी के गांव शेर निवासी राजेंद्र, विनय कुमार गुप्ता व जौनपुर के गांव अगरुगुरू काला निवासी शिवनाथ दूबे। यह तीनों अलग-अलग 8-8 घंटे की डयूटी करते हैं और फैक्ट्री परिसर में खाली पड़े भवन में रहते हैं। मंगलवार को घटना की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने इन सुरक्षा गार्डों से पूछताछ की। गार्डों ने बताया कि यह फैक्ट्री वर्ष 2001 से बंद पड़ी है। लाश को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था है कि जैसे वह चार-पांच दिन पुरानी हो। आसपास के लोगों से उसकी शिनाख्त भी कराई, किसी ने नहीं पहचाना। फिलहाल लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट होगा।
र¨वद्र ¨सह, प्रभारी निरीक्षक, गजरौला।