एसडीएम ने दो मासूमों को लिया गोद, समझा बच्चों का दर्द Amroha News
फुटपाथ पर चाय की दुकान पर झूठे बर्तन धोने वाले दो मासूमों को देखकर एसडीएम का दिल पसीज गया। उन्होंने सदा के लिए दोनों को गोद लेकर उनकी परवरिश करने का जिम्मा ले लिया।
राशिद चौधरी हसनपुर (अमरोहा)। फुटपाथ पर चाय की दुकान पर झूठे बर्तन धोने वाले दो मासूमों को देखकर एसडीएम का दिल पसीज गया। उन्होंने सदा के लिए दोनों को गोद लेकर उनकी परवरिश करने का जिम्मा ले लिया।
पालिका कार्यालय में एसडीएम विजय शंकर रविवार को दिन में धूप सेंक रहे थे। चाय मंगाई तो दो मासूम बच्चे हाथ में चाय की केतली व कप लेकर पहुंचे। चाय पीते हुए एसडीएम ने कम उम्र के बच्चों के हाथ में चाय व कप देखकर उनकी पारिवारिक स्थिति समझने का प्रयास किया तो उनका दिल पसीज किया। दोनों के मासूमों की कहानी सुनी। एक बच्चे ने अपना नाम महराब उम्र करीब 10 साल बताई। बताया कि मेरे पिता नूरउल जमा की गंभीर बीमारी से जिस समय मौत हुई थी। उस समय मेरी उम्र छह माह थी। पिता की संपत्ति के नाम पर मुहल्ला काला शहीद में एक छोटा सा मकान है। माता तबस्सुम सिलाई कर हमारा पेट भरती हैं लेकिन, हम आठ बहन-भाइयों का इसमें गुजारा नहीं होता। इसलिए मैं 90 रुपये प्रतिदिन की दिहाड़ी पर चाय की दुकान पर बर्तन साफ करता हूं। ऐसे ही दूसरे बच्चे मुहम्मद जैद की तरफ एसडीएम ने रूख किया तो उसकी उम्र करीब 11 साल थी। वह अपने पांच बहन भाइयों में छोटा है। पिता ठेले पर पूड़ी सब्जी बेचते हैं। मां जाहिर की मौत हो चुकी है। ं वह भी 70 रुपये की दिहाड़ी करता है। एसडीएम ने दोनों बच्चों को गोद लेकर उसकी परवरिश करने का जिम्मा उठा लिया।
अपने खर्च से कराएंगे दोनों की पढ़ाई : एसडीएम विजय शंकर ने ने बीएसए गौतम प्रसाद को फोन कर दोनों बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे।