कोरोना से जंग जीतकर फिर मैदान में डटे डॉ. जावेद
अमरोहा कोरोना प्रकोप से बचाने के लिए लोगों की ढाल बनकर मैदान में उतरे चिकित्सक जावेद खुद संक्रमित हो गए।
अमरोहा : कोरोना प्रकोप से बचाने के लिए लोगों की ढाल बनकर मैदान में उतरे चिकित्सक जावेद खुद संक्रमित हो गए। हालत गंभीर होने पर दिल्ली के हायर सेंटर में भर्ती कराये गये। एक माह तक कोरोना से जिदगी की जंग लड़ी और जीतकर वापस लौटे। अब वह फिर से लोगों की सुरक्षा को मैदान में उतर आए हैं। उनके जज्बे को देख हर कोई उन्हें सलाम कर रहा है।
सीएमओ कार्यालय से संबद्ध डॉ. जावेद अख्तर सिद्दीकी अपनी टीम के साथ कोरोना से सुरक्षा के लिए लोगों की ढाल बनकर शुरू से ही मैदान में डटे हैं। कोरोना की जांच के लिए नमूने के लिए दिशा निर्देश देना, उपचाराधीन मरीजों की मॉनिटरिग, ट्रेनिग व अन्य जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। वह जुलाई माह में कोरोना से लोगों की सुरक्षा करते-करते खुद कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। हालत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। चिकित्सकों ने भी जवाब दे दिया था फिर भी डॉ जावेद ने हिम्मत नहीं हारी और परिजनों को धैर्य बंधाते रहे। डीएम उमेश मिश्र के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने दिल्ली के पुष्पा देवी सिधिया रिसर्च इंस्टीटयूट में उन्हें भर्ती कराया। वहां प्लाज्मा तक चढ़ाने की नौबत बन आई लेकिन, चिकित्सकों के प्रयास से लगातार एक माह लड़ने के बाद कोरोना से जंग जीत ली। अमरोहा आने के बाद 24 अगस्त को अपना कार्यभार संभाला और लोगों की सुरक्षा के लिए फिर से ढाल बनकर मैदान में उतर आए। उनके जज्बे को देख आज हर कोई सलाम कर रहा है।
वह कहते हैं कि कोरोना से बचाव जरूरी है मगर चपेट में आने पर डरने की जरूरत नहीं है। हौसले के साथ इसका मुकाबला करें, कोरोना हार जाएगा। डीएम ने शहर मुफ्ती से कराई थी दुआ
अमरोहा : कोरोना से जिदगी की जंग जीतकर लौटे डॉ. जावेद सिद्दीकी ने बताया कि जब वह हायर सेंटर में भर्ती थे और हालत गंभीर थी तो जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने शहर मुफ्ती से मिलकर ईद की नमाज के बाद मेरे लिए दुआ कराने की अपील की थी। कहा इससे उनका हौसला और बढ़ गया। बोले उनकी व दोस्तों की दुआ की वजह से आज सही सलामत हैं।