जहरीला कर रहे गंगाजल, खतरे में डॉल्फिन का जीवन
गजरौला गंगा किनारे के कई गांवों में मछली मारने का धंधा फल-फूल रहा है। कीटनाशक दव
गजरौला : गंगा किनारे के कई गांवों में मछली मारने का धंधा फल-फूल रहा है। कीटनाशक दवा गंगा में घोलकर न सिर्फ जल को दूषित किया जा रहा है बल्कि मछलियों की रानी कहे जाने वाली डॉल्फिन के जीवन पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में अब वन विभाग ने यह धंधा करने वाले लोगों को चिह्नित कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
बता दें कि दो दिन पूर्व ही तीन लोगों को वन कर्मियों ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। उनके पास से 18 किलो मृत मछलियां बरामद हुई थीं। कई गांव ऐसे हैं। जहां पर यह धंधा जारी है। गाव सीकरी खादर, तिगरी, शिशोवाली, लठिरा, ओसिता जगदेपुर सहित कई गांवों में रात होते ही मछुआरे गंगा में कीटनाशक दवा डाल कर मछलियों को मारने लगते हैं।
खास बात है कि गंगा में डॉल्फिन, घड़ियाल भी है। ऐसे में उसके जीवन पर भी संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि गंगा में जहरीला पदार्थ घोलने से जलीय जीवों की जान तक पर बन आती है।वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस धंधे में लिप्त लोगों को चिह्नित करते हुए उनकी तलाश शुरू कर दी गई है। वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही इस धंधे से जुड़े और लोगों को बेनकाब किया जाएगा।
लैब में कराया जाएगा कीटनाशक का परीक्षण
गजरौला : दो दिन पूर्व पकड़े गए मछुआरों के पास से बरामद हुए कीटनाशक को वन विभाग द्वारा फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। इससे यह मालूम होगा कि यह कीटनाशक कौन-कौन से जल जीवों के लिए खतरनाक है। इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। वन क्षेत्राधिकारी करन सिंह ने बताया कीटनाशक को लैब परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही यह साफ होगा कि यह कौन कौन से जल जीवों के लिए खतरनाक है।