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CAA Protest : अब 31 दिसंबर तक अफसरों को दी गई मजिस्ट्रेट की शक्ति Amroha News

जिला प्रशासन इस मामले को किसी भी तरह से हल्के में लेने के मूड में नहीं है। सभी अधिकारियों अवांछित तत्वों से सख्ती से निबटने के निर्देश जारी किए गए हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 08:30 AM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 08:31 AM (IST)
CAA Protest  :  अब 31 दिसंबर तक अफसरों को दी गई मजिस्ट्रेट की शक्ति  Amroha News
CAA Protest : अब 31 दिसंबर तक अफसरों को दी गई मजिस्ट्रेट की शक्ति Amroha News

अमरोहा, जेएनएन। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। अब सभी जिला स्तरीय अधिकारी 31 दिसंबर तक मजिस्ट्रेट बने रहेंगे। 

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इरादे नहीं भांप पाए अफसर

बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर देशभर में चल रहे ङ्क्षहसक प्रदर्शनों को देखते हुए सभी राजपत्रित अधिकारियों को मजिस्ट्रेट बनाया गया। सभी अधिकारियों को तैनात किया गया था। लेकिन जुमे की नमाज के बाद अधिकारी प्रदर्शनकारियों के इरादें भांपने में नाकामयाब रहे। प्रदर्शनकारी बेखौफ पथराव व फायङ्क्षरग करते रहे। मुहल्ला कोट में तीन वाहनों को आग लगा दी गई। गुजरी व आजाद मार्ग पर भी ङ्क्षहसक प्रदर्शन व दुकानों में तोडफ़ोड़ की गई। ऐसे में जिलाधिकारी श्री मिश्र ने सभी राजपत्रित अधिकारियों को 31 दिसंबर तक मजिस्ट्रीयल पावर दे दी हैं और उन्हें अपने-अपने क्षेत्र में पूरी तरह से अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। 

पूर्व नियोजित था बवाल

यह तो तय हो गया है कि यह बवाल पहले से नियोजित था। पुलिस को निशाना बनाने की तैयारी की जा चुकी थी। सामने से मुकाबला करने के साथ ही छतों से पुलिस को पीछे धकेलने की योजना भी पहले से तय थी। यह वजह रही कि बवाल के दौरान पुलिस बेबस दिखी तथा प्रदर्शनकारी मनमानी करते रहे। ईंट-पत्थर से अटी कोट चौराहा की सड़क सुनियोजित ङ्क्षहसा की दास्तां खुद बयान कर रही थी। शुक्रवार को आखिरकार वह हो गया जिसका डर था। उपद्रवियों व पुलिस के बीच हुआ बवाल अचानक नही हुआ। जिस तरह से पुलिस को निशाना बनाकर हमला किया गया है उससे साफ जाहिर है कि यह सबकुछ पूर्व नियोजित था। जब जुलूस की शक्ल में युवक चाहगौरी से होते हुए कोट चौराहा पर पहुंचे तो वहां आकर पुलिस से झड़प व पथराव शुरू हो गया। यहीं पर उपद्रवियों ने पुलिस पर आमने-सामने से पथराव शुरू कर दिया, फायङ्क्षरग भी की। जिस तादाद में पत्थर फेंके गए उससे साफ जाहिर है कि योजना बड़ा बवाल करने की थी। जब पुलिस ने सामने से मोर्चा संभाला तो उपद्रवियों ने छतों से पथराव शुरू कर दिया। लगातार दो घंटे तक पथराव किया गया। उसके बाद दो घंटा रुक-रुक कर पथराव हुआ। प्रदर्शनकारी फायङ्क्षरग भी करते रहे। इस घटना के पीछे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इन युवकों को भड़का कर पुलिस से भिड़ाने वाले कौन लोग थे? क्यों शहर को झुलसाने की योजना बनाई गई? आखिर क्यों कोट चौराहा को ही क्यों निशाना बनाया गया? यह सवाल पुलिस व शहर के लोगों के लिए सोचने का विषय है। पुलिस इसकी पड़ताल में जुटी है। 


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