मुहर्रम के चांद संग इमामबाड़ों पर लगाये काले परचम
मुहर्रम के चॉद के साथ इमामबाडो पर काले परचम लगाने के साथ कसबे में हुसैन हुसैन की सदाए बुलन्द होने लगीं।अजादारों ने काले कपडे पहन कर गम मनाया। इस तरह करबला के शहीदों की याद में मनाये जाने वाले सवा दो महीने के गम के दिन आरम्भ हुए। चॉदरात का पहला जुलूस पीरजी वाले इमाम बाडे से निकाला गया, जो इमामबारगाह अलमदारे हूसैनी,फात्मा दखिन,चैक हुसैनी, से होता हुआ इमामबारगाह पीरजी पर आकर समाप्त हुआ।
सैदनगली : मुहर्रम के चांद के साथ इमामबाड़ों पर काले परचम लगाने के साथ कस्बे में हुसैन हुसैन की सदाएं बुलन्द होने लगीं।
अजादारों ने काले कपडे़ पहन कर गम मनाया। इस तरह करबला के शहीदों की याद में मनाये जाने वाले सवा दो महीने के गम के दिन आरम्भ हुए। चांद रात का पहला जुलूस पीरजी वाले इमाम बाडे़ से निकाला गया, जो इमामबारगाह अलमदारे हुसैनी, फात्मा दखिन, चौक हुसैनी से होता हुआ इमामबारगाह पीरजी पर आकर समाप्त हुआ। जुलूस में नौहाख्वानी मुहम्मद अब्बास,सुहेल अब्बास ने की और अजादारों ने मातम किया।
पहली मजलिस इमाम बारगाह दादे में की गयी। दूसरी मजलिस इमाम बारगाह पीरजी में की गई। दिल्ली से आये मौलाना मोहसिन तकवी ने सम्बोधित किया। कहा कुरान पाक में अल्लाह का फरमान है कि सच्चो के साथ हो जाओ। अब सच्चे कौन लोग हैं, यह भी कुरान से पता चल जायेगा और वो अहलेबैत है जिनके पीछे हमें चलने का हुकम दिया गया है। इन दोनों मजलिसो में मरसियाख्वानी डा.लईक हैदर ने की। इन मजलिसों में भारी संख्या में अजादारों नें उपस्थित होकर करबला के शहीदों के जिक्र को सुना और अपनी अकीदत का इजहार किया।