शिक्षा के सच्चे पैरोकार थे मौलाना आजाद
जागरण संवाददाता, अमरोहा: देश के पहले शिक्षा मंत्री व स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया।
अमरोहा : देश के पहले शिक्षा मंत्री व स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाई गई। वक्ताओं ने मौलाना के जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश दिया।
कार्यक्रम का आयोजन मुहल्ला दरबारे कलां स्थित पीलू गली में फहीम नबी सिद्दीकी के आवास पर किया गया। इस दौरान डॉ. मिस्बाह सिद्दीकी ने कहा मौलाना आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को अरब के मक्का शहर में हुआ था। मौलाना आजाद स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही शिक्षाविद् और समाज सुधारक भी थे। देश की अखंडता को बनाये रखने के लिए उन्होंने अपनी पूरी ¨जदगी संघर्ष में गुजार दी। समाजसेवी खालिद सिद्दीकी ने कहा मौलाना की तालीमी खिदमात की वजह से ही मौलाना को आजाद ¨हदुस्तान की पहली सरकार ने देश का पहला शिक्षामंत्री बनाया था। हमें मौलाना की ¨जदगी से सीख लेनी चाहिये।
डॉ.महताब अमरोहवी ने कहा मौलाना आजाद के शिक्षा में क्षेत्र में योगदान के कारण ही हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षा से जुड़ी कई योजनाओं और लड़कियों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए छात्रवृत्ति का कार्यक्रम भारत सरकार मौलाना आजाद के नाम पर चलाती है। शीबान कादरी ने भी शायराना अंदाज में मौलाना आजाद को खिराजे अकीदत पेश की। आखिर में कन्वीनर फहीम नबी सिद्दीकी और अरफा शजर ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। अध्यक्षता डॉ.महताब अमरोहवी व संचालन सैयद शीबान कादरी ने किया।
इस मौके पर कमर नकवी, इंजीनियर हैदर, इकबाल खान, मरगूब सिद्दीकी, आलम मंसूरी, खालिद सिद्दीकी, फैजान मसरूर, शाहकार आफताब, फैसल सैफी, सैफ सिद्दीकी, बदर अंसारी, कफील इदरीसी, आकिब, फराज रिजवी, अबसार सिद्दीकी, अब्दुल अहद खान, फैजान खान, हाफिज शुऐब, अल्ताफ सिद्दीकी, मोहम्मद अहमद जैदी व मुजाहिद अब्बास मौजूद थे।