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इंसान को बेदार तो हो लेने दो, हर कौम पुकारेगी हमारे हैं हुसैन

दस मुहर्रम को नगर में ताजिए का जुलूस निकाला गया। अजादारों ने जुलूस निकाल कर तुरबतें बिजनौर रोड स्थित कर्बला व लाइनपार स्थित कर्बला में दफन कीं। अजाखानों में मजलिसों का दौर चला तथा अजादारों ने गमे हुसैन में सीनाजनी कर मातम किया। मजलिसों में दस मुहर्रम को कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र सुन कर अजादार जार-जार रोए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 11:31 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 11:31 PM (IST)
इंसान को बेदार तो हो लेने दो, हर कौम पुकारेगी हमारे हैं हुसैन
इंसान को बेदार तो हो लेने दो, हर कौम पुकारेगी हमारे हैं हुसैन

अमरोहा: दस मुहर्रम को नगर में ताजिए का जुलूस निकाला गया। अजादारों ने जुलूस निकाल कर तुरबतें बिजनौर रोड स्थित कर्बला व लाइनपार स्थित कर्बला में दफन कीं। अजाखानों में मजलिसों का दौर चला तथा अजादारों ने गमे हुसैन में सीनाजनी कर मातम किया। मजलिसों में दस मुहर्रम को कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र सुन कर अजादार जार-जार रोए। मंगलवार दस मुहर्रम के मौके पर सुबह छह बजे मुहल्ला गुजरी स्थित अजाखाना नूरन से तुरबतों का जुलूस निकाला गया। नौबतखाना से होता हुआ यह जुलूस बिजनौर रोड स्थित कर्बला पहुंचा तथा यहां पर तुरबतों को दफन किया गया। जबकि आठ बजे मुहल्ला दानिशमंदान स्थित अजाखाना से भी तुरबतों का जुलूस बरामद हुआ। यह जुलूस रेलवे लाईन पार कर दानिशमंदान की कर्बला में पहुंचा यहां भी तुरबतों को दफन किया गया। उसके बाद मुहल्ला हक्कानी, सट्टी, जाफरी, काजीजादा, पचदरा, गुजरी, काजी गली के अजाखानों से भी तुरबतों का जुलूस निकाला गया। सभी तुरबतें बिजनौर रोड स्थित कर्बला में जाकर दफन हुए। मुहल्ला शफातपोता के अजाखाना से भी तुरबतों का जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में तुरबतों के साथ दुलदुल भी था। यह जुलूस चाहगौरी से होता हुआ वापस शफातपोता में आकर खत्म हुआ। दोपहर दो बजे से ताजियों के जुलूस निकलने शुरू हुए। लकड़ा, हक्कानी, सट्टी का ताजिया नौबतखाना के चौराहे से होता हुआ खारी कुआं पहुंचा। जहां से जाफरी व सद्दो के ताजिए जुलूस में शामिल हो गए। उसके बाद सभी मुहल्लों से ताजिए जुलूस में शामिल रहे। शाम को सभी ताजिए अपने-अपने अजाखानों में वापस हो गए। सबसे बड़ा ताजिया 34 फुट अजाखाना शफातपोता से निकाला गया। उधर, अजाखानों में मजलिसें हुई और अजादारों ने सीनाजनी कर मातम किया। मजलिसों में हजरत इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र सुनकर अजादार जारो-कतार रोए। सभी जुलूस अंजुमने तहफ्फुजे अजादारी के तत्वावधान में निकाले गए तथा अंजुमने रजाकाराने हुसैनी ने जुलूसों का संचालन किया।

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