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कश्मीर के आतंकी इस्तेमाल कर रहे अमरोहा में तैयार रॉकेट लांचर

एनआइए और अन्य खुफिया एजेंसियां रिमांड पर लिए गए सभी 10 संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ कर रही हैं। पूछताछ में मुफ्ती सुहैल व सईद-रईस ने जो जानकारी दी है वह बेहद चौंकाने वाली है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 02:22 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 02:22 PM (IST)
कश्मीर के आतंकी इस्तेमाल कर रहे अमरोहा में तैयार रॉकेट लांचर
कश्मीर के आतंकी इस्तेमाल कर रहे अमरोहा में तैयार रॉकेट लांचर

अमरोहा, आसिफ अली। एनआइए और अन्य खुफिया एजेंसियां रिमांड पर लिए गए सभी 10 संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ कर रही हैं। पूछताछ में मुफ्ती सुहैल व सईद-रईस ने जो जानकारी दी है वह बेहद चौंकाने वाली है। सूत्रों के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि अमरोहा में दहशत की ऐसी इबारत लिखी जा रही थी जिसे अब झुठलाना शायद नामुमकिन है। अमरोहा में सईद व रईस की मदद से राकेट लांचर तैयार करा कर मुफ्ती सुहैल दिल्ली के रास्ते उन्हें जम्मू कश्मीर भेज रहा था। उस पर फिनिशिंग का काम जम्मू-कश्मीर में करके आतंकियों को एक से सवा लाख रुपये में बेचा जा रहा था। यानी घाटी में आतंकी अमरोहा में तैयार राकेट लांचर से दहशत फैला रहे हैं। मुमकिन है कि पाकिस्तान से भी इसके तार जुड़े हो सकते हैं। खुफिया एजेंसियां इसकी भी पड़ताल कर रही हैं। 

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बीती 26 दिसंबर को एनआइए और एटीएस द्वारा अमरोहा से आइएस के संगठन हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम से जुड़े संदिग्ध आतंकी मुफ्ती सुहैल, सईद, रईस व इरशाद पकड़े गए थे। मंगलवार को एनआइए की एक टीम सईद को लेकर अमरोहा भी आई थी। जबकि शेष से दिल्ली में पूछताछ जारी है। एनआइए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को हुई पूछताछ में मुफ्ती सुहैल, रईस व इरशाद ने कई अहम जानकारियां दी हैं। सुहैल के इशारे पर अमरोहा के गांव सैदपुर इम्मा के सगे भाई सईद व रईस 10 से 12 हजार रुपये में देसी रॉकेट लांचर तैयार करते थे। सुहैल उनसे 20 से 25 हजार रुपये में एक लांचर खरीदता था। इसके बाद इरशाद के ऑटो से उन्हें प्राइवेट बस तक पहुंचाया जाता था। बस से दिल्ली के जाफराबाद तक टुकड़ों में कर रॉकेट लांचर पहुंचाए जाते थे। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में बैठकर सुहैल जम्मू-कश्मीर के आतंकियों को एक से सवा लाख रुपये में एक रॉकेट लांचर बेचता था। वहां उसकी फिनिशिंग कर आतंकियों को दे दिया जाता था। एनआइए के सूत्र बताते हैं कि अब सुरक्षा एजेंसिया इस बात की पड़ताल भी कर रही हैं कि कहीं इसका कनेक्शन पाकिस्तान से तो नहीं है।

पश्चिमी यूपी के जिलों में 26 जनवरी से पहले छापेमारी 

पश्चिम उत्तर प्रदेश के सात जनपद मेरठ, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, सम्भल में कुछ संदिग्ध होने का एटीएस को इनपुट मिला है। एटीएस 26 जनवरी से पहले इन सात जनपदों पर जल्द ही छापेमारी कर सकती है। मुरादाबाद मंडल में पिछले कई दिन एटीएस डेरा डाले हुए है। अमरोहा जनपद में तीन बार छापेमारी हो चुकी है। कुछ अन्य संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया है। मंडल के अन्य जनपदों में भी छापेमारी हो सकती है। उधर, मंडल के लगभग एक हजार नबरों की कॉल डिटेल खंगालने का काम भी किया जा रहा है। कुछ नंबरों को संदिग्ध पाए जाने पर उनकी डिटेल खंगालने का काम खुफिया एजेंसिया कर रही है। 

एटीएस-एनआइए का कबाड़ गोदाम पर छापा 

लगातार दो दिन छापेमारी के बाद चार लोगों से गहन पूछताछ और संदिग्ध आतंकियों से जुड़े अहम साक्ष्य लेकर एनआइए और एटीएस की टीमें लौट गईं। बुधवार सुबह टीम ने नगर कोतवाली क्षेत्र में बाइपास रोड पर ङ्क्षपटू सैनी के कबाड़ के गोदाम पर छापा मारा। इस दौरान सईद भी टीम के साथ था। टीम ने ङ्क्षपटू सैनी व उसके भाई रामचंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की। सईद को सामने बैठा कर टीम ने दोनों भाइयों से करीब दो घंटे तक पूछताछ की। बाद में छोड़ दिया गया। दोपहर बाद एनआइए और एटीएस की टीम संदिग्ध आतंकी सईद को लेकर दिल्ली रवाना हो गई। इससे पहले मंगलवार को टीम ने सैदपुर इम्मा व अमरोहा नगर में छापे मारे थे। यहां से टीम ने सिल-बट्टे के अलावा कुछ बर्तन बतौर साक्ष्य कब्जे में लिए थे। इसके साथ बब्बू और जरीफ को पूछताछ के लिए नोटिस दिए। माना जा रहा है कि जल्द ही टीम दोबारा आकर कुछ अन्य लोगों पर भी शिकंजा कसेगी। 

धर्मस्थलों और धर्म गुरुओं की सूची मांगी

पश्चिम उप्र में बढ़ती आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर खुफिया एजेंसियां मंडलभर के धर्मस्थलों और धर्म गुरुओं की सुरक्षा को लेकर सतर्क हो गई हैं। इन सभी का ब्योरा जुटाया जा रहा है। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से सूची मांगी गई है। सूत्र बताते हैं कि माहौल बिगाडऩे के लिए आतंकी संगठन धर्मस्थलों व धर्म गुरुओं को भी निशाना बना सकते हैं। लिहाजा, उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए खुफिया एजेंसियों ने स्थानीय प्रशासन से हर जिले के धर्मस्थलों और उनमें रहने वाले धर्मगुरुओं की सूची मांगी है। साथ ही धर्म गुरु वहां पर कितने दिन से रह रहे हैं, मूलरूप से कहां के रहने वाले हैं का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही सूची उपलब्ध होने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर निगरानी बढ़ाई जाएगी। इसमें स्थानीय प्रशासन का सहयोग भी लिया जाएगा।


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