जनाबे फातिमा की ¨जदगी औरतों के लिए मिसाल
जागरण संवाददाता, नौगावां सादात: मौलाना नईम अब्बास ने कहा कि जनाबे फातिमा की ¨जदगी दुनियावी ख्वातीन के लिए मिसाल है। ख्वातीन को उनकी ¨जदगी से दर्स लेकर अपने उसूल बनाने चाहिए। ताकि उनकी दुनियावी ¨जदगी व आखिरत दोनों संवर जाएं।
नौगावां सादात: मौलाना नईम अब्बास ने कहा जनाबे फातिमा की ¨जदगी दुनियावी ख्वातीन के लिए मिसाल है। ख्वातीन को उनकी ¨जदगी से दर्स लेकर अपने उसूल बनाने चाहिए। ताकि उनकी दुनियावी ¨जदगी व आखिरत दोनों संवर जाएं।
बुधवार को कस्बे के मुहल्ला बंगला स्थित इमाम बारगाह पुख्ता बंगला में खमसा-ए-अय्यामे-फातेमी का आयोजन किया गया। इससे पहले मजलिस को खिताब करते हुए मदरसा जामिया-तुल-मुन्तजिर के पूर्व प्रधानाचार्य मौलाना नईम अब्बास ने कहा कि रसूले पाक ने फरमाया कि जिसने फातिमा को अजीयत दी उसने मुझे अजीअत दी और जिसने मुझे अजीअत दी उसने अल्लाह को अजीअत दी।
उन्होंने कहा कि नबी की बेटी जनाबे-ए-फातिमा की सादा ¨जदगी दुनिया की औरतों के लिए मिसाल है। दुनिया के लिए रहमत बनकर आए आखिरी नबी ने अपनी बेटी का नाम फातिमा इसलिए रखा कि अल्लाह ने इनको और इनके चाहने वालों को जहन्नुम से आजाद किया है। जनाब-ए-फातिमा दुनिया की औरतों के लिए एक मिसाल हैं। जनाबे फातिमा अपने घर का सब काम खुद ही करती थीं।
मौलाना ने कहा उन्होने अन्धे व्यक्ति से भी परदा इसलिए किया कि वो तो हमें नही देख रहा मगर हम तो उसे देख रहे हैं। जनाबे फातिमा की शहादत पर दुनिया भर में पुरसा दिया जा रहा है। मजलिस से पहले याकूब अख्तर ने मरसिया ख्वानी की। इस मौके पर मुर्तजा शाह, डॉक्टर महमूद, मुनाफ हसन, डॉक्टर मसूद, अली अनसर, तासीर हैदर मौजूद रहे।