सलामती का मजहब है इस्लाम : मुफ्ती कासमी
जागरण संवाददाता, अमरोहा: मुफ्ती अब्दुल हन्नान कासमी ने कहा कि रसूले पाक को अल्लाह ने सारी कायनात का पैरोकार बनाकर दुनिया में भेजा। रसूले पाक ने दुनिया से जहालत का अंधेरा
अमरोहा : मुफ्ती अब्दुल हन्नान कासमी ने कहा रसूले पाक को अल्लाह ने सारी कायनात का पैरोकार बनाकर दुनिया में भेजा। रसूले पाक ने दुनिया से जहालत का अंधेरा खत्म कर इल्म व हक की रोशनी फैलाई। मुसलमानों को रसूले पाक की सुन्नतों पर अमल कर ¨जदगी बसर करने की जरूरत है।
वह मुस्लिम कमेटी के तत्वावधान में ईद मिलादुन्नबी की 17 दिवसीय तकरीबात के दूसरे जलसे को अफगनान चौराहे पर खिताब कर रहे थे। इसकी सदारत मुफ्ती मोहम्मद मजाहिरी ने की जबकि संचालन की जिम्मेदारी हाजी खुर्शीद अनवर ने निभाई।
खिताब करते हुए मुफ्ती अब्दुल हन्नान कासमी ने कहा अल्लाह ने कायनात का जर्रा-जर्रा अपने महबूब नबी के सदके में बनाया है। अल्लाह ने अपने बंदों पर तरह-तरह के इनामात फरमाए हैं। इसमें सबसे बड़ा इनाम यह है कि हमें नबी-ए-करीम हजरत मोहम्मद मुस्तफा के उम्मती होने का शर्फ अता फरमाया। उन्होंने कहा जब दुनिया जहालत के अंधेरों में गुम थी। हालात बेहद खराब थे। मामूली बात पर खून-खराबा आम था, तब इस माहौल में रसूले खुदा ने ऐसा मआशरा दिया जिसकी कोई दूसरी मिसाल दुनिया में नहीं हैं। आपकी दुनिया में आमद से इंसानियत को एक नई राह मिल गई।
हदीसों की रोशनी में मुफ्ती साहब ने आगे कहा कि रसूले खुदा ने फरमाया कि मुसलमान के खून की अजमत खाना-ए-काबा की अजमत से बढ़कर है। इत्तेहाद का दर्स देते हुए कह कि इस्लाम सलामती का मजहब है। इसलिए, हमे तरक्की और खुशहाली के लिए इत्तेहाद और इत्तेफाक से ¨जदगी गुजारनी होगी। इसके लिए उसवा-ए-हसना, अल्लाह के हुकूक और हुकूक उल ईबाद के सही तरीके पर अदायगी करके रसूल अल्लाह से सच्ची मोहब्बत के साथ चलना होगा।
इससे पूर्व जलसे का आगाज हाफिज शमीम अमरोहवी ने तिलावते कलामे पाक से किया। जबकि, नात शरीफ का नजराना मौलाना साद अमरोहवी, जुबैर इब्ने सैफी व असलम बकाई ने पेश किया।
जलसे में मुस्लिम कमेटी के सदर हाजी अब्दुल कयूम राईनी, मंसूर अहमद, मरगूब सिद्दीकी, उवैस मुस्तफा रिजवी, शफीक अहमद गामा, अली इमाम रिजवी, मुराद आरिफ, जहीर अहमद, फजले चौधरी, खुर्शीद आलम मुन्ने, माजिद मलिक व आमिर लईक मौजूद थे।