घरों के आंगन में घुसा बाढ़ का पानी, ग्रामीणों की उलझन बढ़ी
पहाड़ी जलाशयों से छोड़ जा रहे पानी से उफनाई गंगा का पानी गांवों में आबादी तक पहुंच गया है।
गजरौला : पहाड़ी जलाशयों से छोड़ जा रहे पानी से उफनाई गंगा का पानी गांवों में आबादी तक पहुंच गया है। घरों के आंगन में बाढ़ का पानी तैर रहा है। गांव के रास्तों व खेतों में पहले से ही पानी घुसा हुआ है। इसको लेकर दारानगर, शीशोवाली, जाटोवाली, ढाकोवाली इत्यादि गांवों के ग्रामीण परेशान हैं लेकिन कोई उनकी मदद को नहीं पहुंच पा रहा है।
गंगा के खादर में बसे दारानगर, शीशोवाली, जाटोवाली, ढाकोवाली इत्यादि गांवों के ग्रामीणों को इस बार फिर बाढ़ के पानी से दो चार होना पड़ रहा है। करीब एक पखवाड़े से रफ्ता-रफ्ता पानी गांव के बाहरी छोर पर बसे ग्रामीणों के घर तक पहुंच गया है। उनके खेतों व रास्तों तक तो पानी कई दिनों से मंडरा रहा था। गंगा में जैसे-जैसे बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद जलस्तर बढ़ रहा है। वैसे ही उफनाई गंगा का पानी गंगा से सटे इन गांवों की तरफ बढ़ता जा रहा है। अब पानी घरों के अंदर तक घुसने की स्थिति में है। इससे ग्रामीण खासे परेशान हैं। अभी तक उन्हें बाढ़ के पानी के कारण पशुओं के हरे चारे की समस्या से जूझना पड़ रहा था, लेकिन शनिवार से ग्राम दारानगर के राजू, मंगत सिंह व भूकन सिंह इत्यादि के घरों के आंगन तक पानी घुस आने से उन्हें अपने खाने का राशन बचाने की चिता भी सताने लगी है। उनका मानना है कि इसी तरह पानी कुछ और बढ़ा तो घर का राशन भीग जाएगा। वहीं रोटी के लिए चूल्हा जलाना भी मुश्किल हो जाएगा। कमोवेश यह चिता सभी को सता रही है। घर बैठे ली जा रही बाढ़ से जूझते गांवों की जानकारी
गजरौला : प्रशासनिक अधिकारियों ने कई रोज पहले अलीनगर गांव के रास्ते से कुछ आगे तक पहुंचकर दारानगर की जानकारी ली थी। सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित यही गांव में माना जा रहा है। अधिकारियों ने लेखपालों को गांवों पर प्रतिदिन नजर रखने के निर्देश दिए थे लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान व अन्यों के मोबाइल नंबरों पर ही संपर्क करके पानी की जानकारी ली जा रही है। उनकी परेशानियों को नहीं समझा जा रहा है। गांव में बीमारी भी फैलने लगी है। इक्का-दुक्का लोगों को बुखार की शिकायत भी बढ़ने लगी है। तिगरी में गंगा का जलस्तर और बढ़ने के आसार
गजरौला : पिछले तीन दिन से तिगरी में गंगा का जलस्तर 199.90 पर टिका हुआ है, लेकिन अब बढ़ने के आसार हैं। चूंकि अभी तक बिजनौर बैराज से 60 से 70 हजार क्यूसेक के बीच पानी छोड़ा जा रहा था लेकिन रविवार की सुबह बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ाकर 86681 क्यूसेक कर दी गई। बाढ़ नियंत्रण विभाग का मानना है कि इस पानी का प्रभाव रात तक यहां पड़ने पर जलस्तर कुछ बढ़ सकता है। जेई प्रदीप सागर ने बताया कि तिगरी में गंगा का जलस्तर अभी खतरे के लाल निशान से दो मीटर से अधिक दूरी पर है। यहां खतरे का लाल निशान 202.420 पर है।