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गुजरात में सैनिकों को योगा सिखा रही किसान की बेटी

पतित पावनी गंगा मैया के तट के नजदीक के गांव तरौली निवासी किसान की बेटी बीएसएफ में सिपाही के पद पर तैनात होकर देश की सीमा की पहरेदारी करने के साथ ही सैनिकों को योगा सिखा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 11:56 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 06:26 AM (IST)
गुजरात में सैनिकों को योगा सिखा रही किसान की बेटी

हसनपुर: पतित पावनी गंगा मैया के तट के नजदीक के गांव तरौली निवासी किसान की बेटी बीएसएफ में सिपाही के पद पर तैनात होकर देश की सीमा की पहरेदारी करने के साथ ही सैनिकों को योगा सिखा रही है।

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कालेज स्तर की शिक्षा के दौरान योगा में राष्ट्रीय स्तर पर चैंपियनशिप जीत चुकी किसान ओमपाल सिंह के दो बेटे व दो बेटियों में सबसे छोटी रीतू नागर के मन में बचपन से ही देश की सीमा पर पहरेदारी करने का जज्बा था। वह 29 मई 2014 को मेरठ जाकर बीएसएफ में सिपाही के पद पर भर्ती हुई थी। नई दिल्ली के छावरा कैंप में ट्रेनिग पूरी करने के बाद अब वह गुजरात के भुज में तैनात हैं। योगा में रीतू नागर के हुनर को देखते हुए अधिकारियों ने उसे सैनिकों को योगा सिखाने की जिम्मेदारी दी है। भुज में इन दिनों वह भारतीय सैनिकों को योगा सिखाकर निरोगी बनाने के साथ ही तनावमुक्त बना रही हैं। अंग्रेजी से एमए पास रीतू नागर बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज रही है। पढ़ाई के साथ उसे योग करने का शौक भी बचपन से रहा है। निरक्षर मां बाप की बेटी है रीतू

हसनपुर: एमए तक की पढ़ाई करके बीएसएफ में सिपाही के पद पर भर्ती होकर देश की सीमा की पहरेदारी कर मां बाप व क्षेत्र का नाम रोशन कर रही रीतू नागर के पिता किसान ओमपाल सिंह व माता शांति देवी दोनों ही निरक्षर हैं। उन्होंने खेती करके अपने चारों बच्चों को शिक्षित बनाने के लिए परिश्रम किया। उनकी तपस्या का फल रीतू नागर के रूप में उन्हें देखने को मिल रहा है। किसान ओमपाल सिंह व उनकी पत्नी शांति देवी बेटी रीतू की सफलता से अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं। भाई को अधिकारी बनाना चाहती है रीतू

हसनपुर: किसी जमाने में काले पानी के नाम से मशहूर गंगेश्वरी ब्लाक के गांव तरौली में किसान के घर जन्मी रीतू नागर ने विपरीत परिस्थिति में अंग्रेजी से एमए की पढ़ाई हासिल कर बीएसएफ में सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली है अब वह अपने बडे़ भाई संजीव कुमार को अधिकारी बनाने के लिए पढ़ाई में उनकी आर्थिक मदद कर रही है। संजीव ने एमसीए कर लिया है तथा आगे की पढ़ाई चल रही है।


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