पर्यावरण की सुरक्षा को आगे आएं लोग
अमरोहा : पर्यावरण तथा समाज दोनों एक दूसरे के पूरक है। स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए स्वच्छ व संतुलित
अमरोहा : पर्यावरण तथा समाज दोनों एक दूसरे के पूरक है। स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए स्वच्छ व संतुलित पर्यावरण का होना आवश्यक है। प्राकृतिक संपदाओं का अनाधिकृत दोहन एवं जन मानस का पर्यावरण के प्रति संवेदनहीनता के चलते दूषित पर्यावरण खतरे की घंटी बन चुकी है। लिहाजा मैं तो पर्यावरण को बचाने का संकल्प ले चुका हूं और ज्यादा से जयादा पौधे हर साल रोपित करूंगा। समाज का भी कर्त्तव्य वह नए साल में पर्यावरण को बचाने का प्रण लें। वैसे भी हाल में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदुषण के चलते देश के सामने गंभीर समस्या आ खड़ी हुई थी। यह तो मात्र एक बानगी है। कमोवेश यह स्थिति लगभग बड़े शहर से होकर ग्रामीण क्षेत्रों को भी अपने गिरफ्तर में ले रही है। वहीं दूसरी ओर वायु प्रदूषण के साथ दूषित जल विषय समस्या बन चुकी है। जल के संकट की समस्या उससे भी बड़ा स्वरूप राष्ट्र के सामने गहन ¨चता का सबब है। तालाब, पोखर, नदी-नाले अपना अस्तित्व खोते जा रहे है। ऐसी स्थिति में जल संरक्षण के साथ-साथ दूषित जल के प्रति चेतना का भाव, आमजन मानस के पटल पर जागृत करना, सरकार और समुदाय का दायित्व है। इस दिशा में जल पंचायत मुहिम के सकारात्मक परिणाम सामने आया है। वहीं सम्पूर्ण संचेतना अभियान के तहत शैक्षिक सामाजिक तथा भौगोलिक शुचिता का आह्वान ही सम्पूर्ण रूप से पर्यावरण की स्वच्छता एवं संरक्षण का मूल मंत्र है। भारतीय परंपरा सम्पूर्ण पर्यावरण संचेतना का संकल्प धार्मिक सामाजिक एवं आर्थिक रूप से तय किया गया है। शुद्ध तथा स्वच्छ पर्यावरण के रूप में स्वच्छ व स्वस्थ समाज के निर्माण में हम सभी को अपनी -अपनी जिम्मेदारी के प्रति जवाबदेह होना होगा। पर्यावरण के मूल्यों के प्रति समाज की उदसीनता के चलते प्रदूषण की समस्या कब्जे से बाहर होते नजर आ रही है। प्रदूषण के चलते प्रति वर्ष नई-नई असाध्य बीमारियां उत्पन्न हो रही है।
-- डॉ. यतीन्द्र कटारिया, शिक्षक।