एक लैपटॉप के सहारे चल रहा अमरोहा जनपद का बिजली थाना Amroha News
बैठने के लिए न तो फर्नीचर और भ्रमण के लिए गाड़ीसंसाधनों के अभाव से जूझ रहे कर्मचारी सुनने वाला कोई नहीं।
मुरादाबाद, जेएनएन। अमरोहा जिले का बिजली थाना एक लैपटॉप के सहारे चल रहा है। न तो दफ्तर में बैठने के लिए फर्नीचर का इंतजाम है और न ही कर्मचारियों को विवेचना आदि के कार्य से बाहर जाने के लिए वाहन। किराए के भवन में यह थाना चल रहा है। संसाधनों के अभाव से कर्मचारी जूझ रहे हैं लेकिन, उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। मुकदमे तो थाने में लिखे जा रहे हैं किन्तु, सैकड़ों विवेचना संसाधनों की कमी के कारण बंद पड़ी हैं।
प्रदेश सरकार ने बिजली के बढ़ते मुकदमों को देखते हुए प्रत्येक जनपद में बिजली थाना खोलने के आदेश जारी किए थे। गत अक्टूबर माह में जनपद में बिजली का थाना खोल दिया गया। आठ हजार रुपये प्रति माह के हिसाब किराए के भवन में यह थाना संचालित है। अधिकारियों की मानें तो इस समय थाने में 11 कर्मचारियों का स्टाफ है। इसमें दो आउटसोर्सिंग से रखे गए कर्मचारी शामिल हैं। एक थानेदार व आठ कांस्टेबल हैं। न तो रिकार्ड रखने के लिए थाने में अलमारी है और न ही बैठने के लिए कुर्सी। भवन स्वामी द्वारा उपलब्ध कराई गई कुर्सियों का इस्तेमाल स्टाफ कर रहा है। कुछ फर्नीचर स्टाफ ने स्वयं खरीदा है। एफआइआर दर्ज करने के लिए एक लैपटॉप है। इसे आउटसोर्सिंग वाले कर्मचारी ही चलाते हैं। कर्मचारियों के क्षेत्र में घूमने के लिए कोई सरकारी वाहन नहीं है। अपने निजी वाहनों से ही स्टाफ इधर-उधर दौड़ता है। आंकड़ों पर गौर करें तो तीन माह के अंदर थाने में 481 मुकदमे लिखे जा चुके हैं लेकिन, विवेचना 15 की पूरी हो पाई है।
अभी संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए
थाने में संसाधनों का अभाव है। इसके बारे में बिजली विभाग के अफसरों को अवगत कराया गया है लेकिन, अभी तक उनके द्वारा कोई जवाब या संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
सुरेश कुमार, प्रभारी, बिजली थाना।