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दिल्ली पुलिस का फर्जी आईपीएस गिरफ्तार

अमरोहा : दिल्ली पुलिस का फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर लोगों को नौकरी लगवाने व फ्लैट दिलवाने

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 01:58 AM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 01:58 AM (IST)
दिल्ली पुलिस का फर्जी आईपीएस गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस का फर्जी आईपीएस गिरफ्तार

अमरोहा : दिल्ली पुलिस का फर्जी आईपीएस अधिकारी बनकर लोगों को नौकरी लगवाने व फ्लैट दिलवाने का झांसा देकर ठगने वाला शातिर मंगलवार को कोतवाली पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसने अमरोहा व एटा के दो परिवारों से नौकरी लगवाने व सस्ती कीमत पर फ्लैट दिलाने का झांसा देकर 35 लाख रुपये ठग लिए। इतना ही नहीं वह धर्म बदलकर अमरोहा की युवती से तीसरी शादी करने की तैयारी कर रहा था। दोनों पीड़ित परिवारों ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दे दी है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

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देहात थाना क्षेत्र के गांव हमीदपुरा निवासी रामकुमार ¨सह का बेटा कुलदीप कुमार गाजियाबाद में प्राइवेट नौकरी करता है। वहां विजयनगर की सर्वोदय नगर कालोनी में परिवार के साथ रहता है। दो साल पहले उसकी दोस्ती संजय चौधरी नाम के व्यक्ति से हुई। संजय चौधरी ने उसे खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच में एसीपी के पद पर तैनात बताया। दोनों की दोस्ती गहरी हुई तो उसने कुलदीप को नोएडा में सस्ते फ्लैट दिलाने का झांसा देकर ढाई लाख रुपये ले लिए। धीरे-धीरे संजय कुमार उसके साथ गांव हमीदपुरा स्थित घर भी आने लगा। तीन महीने पहले कुलदीप ने भरोसा जता कर अपनी बहन का रिश्ता भी उसके साथ कर दिया तथा शादी की तैयारियां की जाने लगीं।

इस दौरान संजय चौधरी ने कुलदीप से कहा कि वह उसकी व उसकी दो बहनों की नौकरी रेलवे में लगवा देगा। इसके लिए पांच-पांच लाख रुपये चाहिए। लिहाजा कुलदीप ने उसे 15 लाख रुपये दे दिए। इसी बीच कुलदीप के दोस्त मूल रूप से जनपद एटा के थाना निधौली कलां क्षेत्र के गांव रामनगर निवासी राधेश्याम हाल निवासी गाजियाबाद भी संजय के संपर्क में आ गया। संजय ने उससे भी फ्लैट दिलाने के नाम पर आठ लाख रुपये तथा नौकरी लगवाने के नाम पर दस लाख रुपये ले लिए। पंद्रह दिन पहले संजय चौधरी कुलदीप के घर आया था। यहां पर वह अपना पर्स भूल गया। उसकी मंगेतर ने जब संजय का पर्स देखा तो उसमें दिल्ली पुलिस के एसीपी पद के अलग-अलग नाम से दो आइकार्ड मिले। एक आइडी संजय चौधरी तो दूसरी अय्यूब खान के नाम की थी। इसे देखकर परिजनों का माथा ठनका।

कुलदीप ने इसकी पड़ताल दिल्ली जाकर की तो संजय चौधरी फर्जी आईपीएस अधिकारी निकला। लिहाजा उन्होंने मंगलवार को फोन कर उसे डेढ़ लाख रुपये लेने के बहाने से बुलाया। जानकारी होने पर दूसरा पीड़ित राधेश्याम भी अमरोहा आ गया था। दोपहर लगभग एक बजे वह हमीदपुरा पहुंचा। परिजनों ने उसे तुरंत घेर लिया। उसने भागने की कोशिश की लेकिन कल्याणपुरा में आकर उसे दबोच लिया गया। आरोपी को कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया। इस मामले में कुलदीप व राधेश्याम ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दे दी है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र नागर ने बताया कि पूछताछ की जा रही है। पीड़ित परिवारों ने तहरीर दे दी है। मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेजा जाएगा।


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