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डेंगू आशंकित फिर मिले छह मरीज, निजी अस्पतालों में भर्ती

ठंड का सीजन शुरू होने के बावजूद डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। धनौरा में पहुंची महकमे की टीम ने बुखार के 2

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 10:59 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 06:04 AM (IST)
डेंगू आशंकित फिर मिले छह मरीज, निजी अस्पतालों में भर्ती
डेंगू आशंकित फिर मिले छह मरीज, निजी अस्पतालों में भर्ती

अमरोहा : ठंड का सीजन शुरू होने के बावजूद डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। धनौरा में पहुंची महकमे की टीम ने बुखार के 28 लोगों के खून के नमूने लेकर जांच कराई तो पांच में डेंगू के लक्षण पाए गए। जिले में छह डेंगू आशंकित केस मिले है। सरकारी अस्पताल में जांच की कोई सुविधा नहीं होने पर परिजनों ने आशंकित मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया है। डेंगू का कहर जिले में जारी है। गुरुवार को फिर छह डेंगू आशंकित केस मिले हैं। जिसमें छह केस धनौरा के शामिल है। धनौरा के मुहल्ला महादेव के लोगों ने सीएमओ डॉ. आरसी शर्मा को अवगत कराया था कि क्षेत्र में बुखार का प्रकोप है और लोगों में डेंगू होने की आशंका है। सीएमओ के आदेश पर नोडल अधिकारी डॉ. विनोद कुमार टीम के साथ पहुंचे। वहां बुखार से पीड़ित 28 लोगों के खून की जांच कराई तो उनमें से बाबूराम की पत्नी सीमा, ध्यान सिंह, सुमन, नगमा, निजामुद्दीन डेंगू आशंकित मिले। पांचों को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं छठा केस अमरोहा के मसूदपुर नवाद का है। यहां के रियापाल सिंह भी कई दिन से बुखार से पीड़ित थे। पहले तो परिजनों ने गांव के चिकित्सक से ही इलाज कराया, लेकिन हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। वहां चिकित्सकों ने जांच कराई तो डेंगू आशंकित पाए गए। जिन्हें डेंगू वार्ड में भर्ती कराया गया है। डेंगू मरीज निजी अस्पताल के भरोसे

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सरकार ने जिला अस्पताल को समस्त दवाओं, उपकरणों और चिकित्सकों से लेस कर रखा है। साथ ही डेंगू मरीजों की इलाज से लेकर जांच के लिए एलाइजा मशीन को भी एक साल पहले उपलब्ध करा दिया था। बावजूद इसके महकमे ने एलाइजा की जांच शुरू नहीं कराई। पहले तो मुरादाबाद में ही डेंगू मरीजों की जांच कराता रहा, लेकिन अब उसके भी हाथ खड़े करने से जांच बंद पड़ी हैं। डेंगू के मरीजों की एलाइजा जांच अस्पताल में नहीं हो रही है। जिसके चलते मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती होने पर मजबूर हैं।


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