आम उपभोक्ता का जागरूक होना जरूरी
उपभोक्ता कौन है? वस्तु क्या है? दोष क्या है? सेवाएं क्या हैं। सेवाओं में कमी क्या है? आदि विषय पर आइआइपीए नई दिल्ली के उपभोक्ता अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर सुरेश मिश्रा विस्तार से जानकारी दी। साथ ही शिकायत कब दर्ज कराई जा सकती के बारे में भी बताया।
गजरौला : उपभोक्ता कौन है? वस्तु क्या है? दोष क्या है? सेवाएं क्या हैं। सेवाओं में कमी क्या है? आदि विषय पर आइआइपीए नई दिल्ली के उपभोक्ता अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर सुरेश मिश्रा विस्तार से जानकारी दी।
ब्लाक सभागार में क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान गाजियाबाद की ओर से उपभोक्ता संरक्षण संबंधी दो दिवसीय कार्यशाला का बुधवार को समापन हो गया। समापन पर प्रोफेसर सुरेश मिश्रा ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 की जानकारी देते हुए कहा कि इस दौर में उपभोक्ता वस्तुओं के साथ-साथ सेवा क्षेत्र का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। इससे उपभोक्ता के अधिकारों के हनन की आशंकाएं भी बढ़ रही हैं। प्रो. मिश्रा ने बताया कि केंद्र ने राष्ट्रीय स्तर पर एक टॉल फ्री हेल्पलाइन व काल सेंटर आरंभ किया है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से उपभोक्ताओं की समस्याओं व शंकाओं का समाधान किया जा रहा है। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सपना चड्ढा ने कहा कि आर्थिक उदारीकरण व उपभोक्तावाद के इस दौर में आम उपभोक्ता का जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और उसके अधीन प्रदत्त अधिकारों पर चर्चा करते हुए बताया कि शिकायत कब दर्ज की जा सकती है? शिकायत कौन दर्ज कर सकता है? शिकायत दर्ज करने का शुल्क क्या है? शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया क्या है? आदि विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस दौरान प्रतिभागियों के प्रश्नों के जवाब भी दिए। कार्यशाला के अंत में एक प्रश्नावली का आयोजन किया। जिसमें ऊषा बंसल, ममता एवं साधना गुप्ता क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहीं।
कार्यशाला में खंड विकास अधिकारी रागिनी सक्सेना, संस्थान के डिपटी डायरेक्टर सिसोदिया, संस्थान अध्यक्ष दुली ¨सह, हरिकृष्ण गुप्ता, सतीश कुमार, अर¨वद त्यागी, एडीओ मदन पाल ¨सह, राजेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।