गंगा की स्वच्छता को निगरानी कर रही समिति
जागरण संवाददाता, गजरौला : निर्मल व अविरल बहने वाली मां गंगे की स्वच्छता को औद्योगिक इकाईयों की कड़ी निगरानी की जा रही है। यह निगरानी डीएम के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय समिति कर रही है। इससे कंपनियों में खलबली मची हुई है। सप्ताह में दो बार यह समिति औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण कर इस बात का जायजा लेती है कि कहीं इनके द्वारा गंगा में मिलने वाली बगद व अन्य किसी सहायक नदी में अपना प्रदूषित पानी तो नहीं छोड़ा जा रहा है।
गजरौला : निर्मल व अविरल बहने वाली मां गंगा की स्वच्छता को औद्योगिक इकाईयों की कड़ी निगरानी की जा रही है। सप्ताह में दो बार यह समिति औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण कर इस बात का जायजा लेती है कि कहीं इनके द्वारा गंगा में मिलने वाली बगद व अन्य किसी सहायक नदी में अपना प्रदूषित पानी तो नहीं छोड़ा जा रहा है।
गजरौला औद्योगिक क्षेत्र है। इस कारण यहां जल और वायु प्रदूषण की जबरदस्त समस्या रहती है। आगे चल कर गंगा में मिलने वाली बगद नदी का पानी इन औद्योगिक इकाईयों के कारण ही काला पड़ा है। इस नदी का गजरौला से चकनवाला की तरफ अस्तित्व लगभग खत्म हो चुका है, लेकिन छोइया रेलवे पुल से ही इसका वजूद इन इकाईयों के प्रदूषित पानी के कारण कायम है। प्रयागराज में कुंभ मेला चल रहा है। इसको देखते हुए शासन द्वारा गंगा की निगरानी कराई जा रही है ताकि उसमें किसी इकाई व आबादी का प्रदूषित पानी नहीं पहुंच सके।
अमरोहा जनपद में जिलाधिकारी हेमंत कुमार के स्तर से एसडीएम मंडी धनौरा संजय कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति बना दी गई है, जो सप्ताह में मंगलवार और शुक्रवार को इकाईयों का निरीक्षण करती है। दो अन्य विभागों में बिजनौर के प्रदूषण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी और जिला उद्योग केंद्र अधिकारी भी शामिल हैं। एसडीएम संजय कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पिछले दिसंबर माह से कंपनियों का पानी बाहर नहीं निकल रहा है। इस बारे में उन्हें नोटिस देकर पालन कराया जा रहा है। वहीं डीएम के द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति भी हर सप्ताह निगरानी कर शासन को रिपोर्ट भेज रही है।