अमरोहा के युवक की दिल्ली में मौत
जागरण संवाददाता, अमरोहा: अमरोहा के युवक की दिल्ली में ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई। युवक की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। देर रात परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव को लेकर घर आ गए थे। पंद्रह दिन पहले ही गुड़गांव स्थित एक फैक्टरी में उसकी नौकरी लगी थी।
अमरोहा: अमरोहा के युवक की दिल्ली में ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई। युवक की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। पोस्टमार्टम के बाद परिजन देर रात शव लेकर घर आ गए। पंद्रह दिन पहले ही गुड़गांव स्थित एक फैक्ट्री में उसकी नौकरी लगी थी।
नगर कोतवाली के मुहल्ला छोटी बेगम सराय में सिकंदर सिद्दीकी का परिवार रहता है। उनके बड़े बेटे नदीम सिद्दीकी दिल्ली में रहते थे तथा नोएडा स्थित फैक्टरी में नौकरी करते थे। पंद्रह दिन पहले नदीम सिद्दीकी की नौकरी गुड़गांव की फैक्ट्री में लग गई थी। पत्नी व बच्चे अमरोहा में ही रहते हैं। सोमवार सुबह साढ़े दस बजे वह दिल्ली में तिलक ब्रिज स्टेशन के पास रेलवे लाइन पार कर रहे थे। कोहरे के चलते वह ट्रेन को नहीं देख सके तथा उसकी चपेट में आ गए। नदीम सिद्दीकी की मौके पर ही मौत हो गई। जीआरपी ने शव की शिनाख्त कर परिजनों को सूचना दी। इस पर परिजनों में कोहराम मच गया। पत्नी व दोनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। उधर, जीआरपी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया तथा परिजन दिल्ली रवाना हो गए। देर रात वह शव को घर ले आए हैं।
बेसहारा हो गए पत्नी व बच्चे, परिवार के इकलौते बेटे थे नदीम
अमरोहा : दिल्ली में ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाने वाले नदीम सिद्दीकी की मौत से केवल परिजन बल्कि मुहल्ले के लोग भी गमजदा हैं। उनकी मौत से परिवार का इकलौता सहारा खत्म हो गया। पत्नी, बच्चे व दोनों बहनें बदहवास हैं। रिश्तेदार उन्हें ढांढस बंधाने में लगे रहे।
मुहल्ला छोटी बेगम सराय निवासी स्वर्गीय सिकंदर सिद्दीकी की मौत बीते साल हो गई जबकि पहले उनकी पत्नी शहनाज बेगम की मौत हो चुकी थी। परिवार में नदीम सिद्दीकी इकलौते बेटे थे। नदीम के कंधों पर ही दो बहनों जेबा व महनाज की जिम्मेदारी थी। साथ ही पत्नी हुस्ना बेगम व दो बच्चे आरिश व नुसेबा की परवरिश की जिम्मेदारी भी थी। यानी वह परिवार के अकेले मुखिया थे। नदीम सिद्दीकी गुड़गांव में नौकरी करते थे तथा शनिवार की शाम को घर आ जाते थे। सोमवार सुबह डयूटी के लिए निकल जाते थे। आज भी वह सुबह घर से दिल्ली गए थे परंतु तिलक ब्रिज पर हादसे का शिकार हो गए। उनकी मौत से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अब परिवार की परवरिश करने वाला कोई नहीं बचा। उनकी मौत से पत्नी, बच्चे व बहनें बदहवास हैं। परिजनों में कोहराम है तथा रो-रोकर बुरा हाल है। मुहल्ले के लोग भी गमजदा हैं। रिश्तेदार व मुहल्ले के लोग पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाने में लगे रहे।