अमीरे कर्बला हुसैन, शहीदे कर्बला हुसैन, मेहमाने कर्बला हुसैन
करबला की तपती रेत पर प्यास की शिद्दत को दरकिनार कर दीने इस्लाम, हक और सच्चाई के खातिर कुर्बान शोहदा-ए-करबला की याद में छह मुहर्रम का मातमी जुलूस शहर के मुहल्ला काली पगड़ी स्थित अ
अमरोहा: करबला की तपती रेत पर प्यास की शिद्दत को दरकिनार कर दीने इस्लाम, हक और सच्चाई के खातिर कुर्बान शोहदा-ए-कर्बला की याद में छह मुहर्रम का मातमी जुलूस शहर के मुहल्ला काली पगड़ी स्थित अजाखाना मुस्ममात नूरन से बरामद किया गया। अजादारों ने सीनाजनी कर बीबी फात्मा को लख्ते जिगर की शहादत का पुरसा दिया। इस दौरान या हुसैन-या हुसैन की सदाएं बुलंद होती रहीं।
सोमवार सुबह नौ बजे अजाखाना में इस हुसैनी काफिले की शुरूआत हुई। मास्टर मीसम जैदी ने मरसिया पढ़ा-आज शाहे बेकस की आखिरी सवारी है। इसके बाद गमगीन माहौल में जुलूस आगे बढ़ा। जुलूस में पुरानी रिवायत के मुताबिक सबसे आगे ऊंट चल रहे थे। इसके बाद रौशन चौकियां और अराईश थी। शबीहे ताबूत और दुलदुल के साथ नंगे पैर नंगे सिर अजादार..अमीरे कर्बला हुसैन, शहीदे कर्बला हुसैन, मेहमाने कर्बला हुसैन, राकिबे दोशे मुस्तफा हुसैन की सदाएं बुलंद करते चल रहे थे। छह मोहर्रम के इस जुलूस की खासियत ये थी कि हुसैनी बाजे में 22 बैंड होते हैं। जबकि, अंजुमन रजाकाराने हुसैनी की एक एंबुलेंस भी जुलूस में शामिल थी।
जुलूस संदेश देता है कि आतंकवाद के खिलाफ जंग करो। इमाम हुसैन ने कर्बला में अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन अपने नाना के दीन को बचा लिया। जुलूस अपने तयशुदा रास्तों से गुजरकर देर रात अजाखाना नूरन पहुंचकर संपन्न हुआ। जुलूस की कयादत अंजुमन तहफ्फुजे अजादारी ने की व संचालन अंजुमन रजाकाराने हुसैनी ने किया।
जुलूस में अंजुमन तहफ्फुजे अजादारी के सदर हसन शुजा नकवी, लियाकत अमरोहवी, जिया एजाज, डॉ.सईदुल हसन, युसूफ नकवी, शरफ अली खां, अमजद कमाल, तफजील नकवी, मोहम्मद फर्रूख, सईद परवेज, आदिल जफर खां, मिक्की नकवी, जर्रार हैदर, कमाल हैदर नकवी, समर अली, कमर सिब्तैन, हसन इमाम, डॉ. नाशिर नकवी, सुहैल मुर्तजा, वसीम जैदी, बशीर हैदर, आलिम रजा, जावेद असगर, हकीम सुहैल, सईद अकदस, हकीम इमाम मेहंदी, फराज अरशी, शमीम नजर, वकारूल हसनैन खां, रिजवान अली, हसीन हैदर, डॉ.लाडले रहबर, मोहसिन नकवीट, अजीम मेहंदी, जॉन तकवी, विलायत अली, ताजदार हुसैन, मोहम्मद इकबाल, वकार अली खां, शाने हैदर, आसिफ अली मौजूद रहे।
अंजुमन रजाकाराने हुसैनी के काईद गुलाम सज्जाद, खुर्शीद हैदर जैदी, अख्तर अब्बास अप्पू, डॉ. चन्दन नकवी, वसीम जैदी, मोहम्मद तकी खां, शाने मुज्तबा, सलीम जैदी, इमदाद आब्दी, मोहम्मद हैदर, सिराज गालिब, नजीर हैदर, हैदर जिया व नवैद असगर ने जुलूस का संचालन किया।