पर्यटकों के आकर्षण के लिए जिले में भी हैं कई स्थल
जागरण संवाददाता, अमेठी : जिले में पर्यटकों के आकर्षण के लिए कई धार्मिक स्थलों के साथ
जागरण संवाददाता, अमेठी : जिले में पर्यटकों के आकर्षण के लिए कई धार्मिक स्थलों के साथ ही स्वतंत्रता की गाथा गा रहे कई स्थल मौजूद हैं। यही नहीं प्रेम के कवि मलिक मोहम्मद जायसी की जन्मस्थली जायस भी कई मायनों में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
अमेठी जिले के गौरीगंज मुख्यालय से पांच किमी दूर गढ़ामाफी धाम क्षेत्रवासियों के साथ ही आस पास के जिलों के सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यहां माता सीता की खोज में लंका गए हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा बनी है। इस प्रतिमा को देखने के लिए श्रद्धालुओं को विशालकाय सुरसा के मुख से होकर गुजरना पड़ता है। अंदर भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी व भगवान शिव-पार्वती के साथ ही ब्रम्हा जी की विशालकाय प्रतिमा स्थापित है। वहीं अमेठी के संग्रामपुर स्थित कालिकन धाम केंद्रीय पर्यटन विभाग की सूची में शामिल है, जहां मां कालिका की मूर्ति स्थापित है साथ ही बगल स्थित सूर्यकुंड लोगों को आकर्षित करता है। मलिक मोहम्मद जायसी की जन्मस्थली जायस में जायसी शोध संस्थान के साथ ही जायसी की मजार को लोग दूर-दूर से देखने के लिए आते हैं। पुराने जमाने के बने गुंबद लोगों को आकर्षित करते हैं। प्रशासन ने पर्यटक स्थल बनाने के लिए प्रस्ताव भी भेजा है। सिंहपुर का अहोरवा भवानी मंदिर देवी भक्तों का आस्था का केंद्र है। नवरात्र माह के साथ ही सोमवार को दूर-दूर के क्षेत्रों से भक्तों की भारी भीड़ मां के दर्शन को उमड़ती है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इसे पर्यटक स्थल बनाने की बात भी कही है। वहीं मुसाफिरखाना स्थित कादूनाला में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया पुल व भाले सुलतानियों की वीरता की गाथा गाता कुंआ व स्मारक भी पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश पीयूष बतातें हैं कि जिले का इतिहास काफी पुराना है। यहां कई पौराणिक स्थल के साथ ही कई ऐसे दार्शनिक स्थल हैं जो पर्यटकों को अपनी आकर्षित करते हैं। नंदमहर धाम में लगने वाला यादवों का महाकुंभ प्रदेश भर में अपनी पहचान बनाए हुए हैं, जहां कई जनपदों के यादव समाज के लोग एकत्र होती है। सरकार की ओर से इसका जीर्णोद्धार दोबारा करा दिया जाय तो सभी पर्यटन के केंद्र में आ जाएंगे।