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कोरोना काल में सादगी से विसर्जित की गई प्रतिमाएं

यह पहली बार है कि डीजे और ढोल भांगड़ा के बगैर सादगी के साथ ट्रैक्टर ट्रालियों पर प्रतिमाओं को सजाकर ले जाया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 10:50 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 10:50 PM (IST)
कोरोना काल में सादगी से विसर्जित की गई प्रतिमाएं
कोरोना काल में सादगी से विसर्जित की गई प्रतिमाएं

अमेठी : कोरोना संक्रमण के चलते इस बार दशहरा की धूम फीकी रही। वहीं सादगी के साथ मां दुर्गा की प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए रीक्ष घाट व आम घाट के लिए रवाना किया गया। यह पहली बार है कि डीजे और ढोल भांगड़ा के बगैर सादगी के साथ ट्रैक्टर ट्रालियों पर प्रतिमाओं को सजाकर ले जाया गया। इस दौरान जय माता दी के जयकारे की गूंज रही। इस बार युवक बैंडबाजों संग जुलूस व झांकी के साथ रंग गुलाल उड़ाते भजन गाते नहीं देखे गए।

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क्षेत्र के राजाफतेहपुर, खारा, मियागंज, दिलावरगढ़, सातनपुरवा सहित तमाम गांवों में स्थापित पंडालों में चल रहे दुर्गा पूजा महोत्सव के बाद मंगलवार को दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। सोमवार को 45 तथा मंगलवार को 26 गांवों में स्थापित देवी प्रतिमाएं विसर्जन के लिए शिवरतनगंज थानाक्षेत्र के इन्हौना कस्बे से होकर बाजार शुकुल और जगदीशपुर क्षेत्र के गोमती नदी के तट की ओर रवाना हुई। कोरोना संक्रमण के चलते मूर्ति विसर्जन के दौरान ज्यादा भीड़-भाड़ व रौनक नहीं रही। प्रशासन की गाइडलाइन के मुताविक विसर्जन के दौरान जुलूस निकालने की मनाही रही। विसर्जन में महज पांच लोगों को जाने की छूट मिली। दुर्गा पूजा कमेटी के पदाधिकारियों ने भी कोरोना के नियमों का पालन करते हुए मूर्ति विसर्जित की। विसर्जन के दौरान संवेदनशील माने जा रहे इन्हौना कस्बे में सुरक्षा चाक चौबंद रही। इंस्पेक्टर डीके सिंह, निरीक्षक अजीत सिंह एक कम्पनी पीएसी के साथ कस्बे में मुश्तैद रहे।


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