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पॉलीथिन से नालियां जाम, सभी परेशान

अमेठी : शहरी हो या ग्रामीण, हर क्षेत्र की नालियां पॉलीथिन से चोक हुई पड़ी हैं। नालियां

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 12:35 AM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 12:35 AM (IST)
पॉलीथिन से नालियां जाम, सभी परेशान

अमेठी : शहरी हो या ग्रामीण, हर क्षेत्र की नालियां पॉलीथिन से चोक हुई पड़ी हैं। नालियां जाम होने से गंदा पानी सड़कों पर आ जाता है, जो स्थानीय लोगों के साथ ही राहगीरों के लिए भी परेशानी का सबब बन जाता है।

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सोमवार को जागरण ने शहर में साफ-सफाई व्यवस्था व चोक नालियों की हकीकत जानने के लिए नगर पंचायत अमेठी, नगर पालिका परिषद गौरीगंज के वार्डो का मौका मुआयना किया। मौका मुआयना में जो तस्वीर सामने आई, वह बेहद चौंकाने वाली थी। मानो वार्डो में कभी साफ-सफाई हुई ही न हो। नगर पालिका परिषद गौरीगंज के चौक बाजार, बतासा मंडी व जीजीआईसी रोड, कांग्रेस कार्यालय के पीछे की नालियां पॉलीथिन से चोक हुई पड़ी हैं। वहीं, नगर पंचायत अमेठी में एक-आध वार्डो को छोड़कर हर जगह नालियां पॉलीथिन से चोक दिखीं। कुम्हारी कला के लिए दिए जाएंगे पट्टे

पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगने से चाय के लिए दुकानदारों को समस्या न हो, इसके लिए जिलाधिकारी शकुंतला गौतम ने टीम गठित की है। उप जिलाधिकारी के नेतृत्व वाली टीम कुम्हारी कला को प्रोत्साहित कर पॉलीथिन के विकल्प के रूप में आगे लाने के लिए पट्टा दिया जाएगा, जिससे कुम्हार मिट्टी के कुल्हड़ आदि बनाकर बाजारों में पॉलीथिन के विकल्प को पूरा कर सकें। मूंज के व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के तहत जिले में मूंज का चयन हुआ है। ऐसे में जिला अधिकारी जीएम इंडस्ट्री के साथ बैठक कर मूंज के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रणनीति तैयार की है, जिससे बाजारों से पॉलीथिन की कमी को दूर करने के लिए मूंज के थैले सहायक होंगे। हालांकि, जिलाधिकारी ने सर्व प्रथम स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से कपड़े के थैले सिलवाकर बाजारों में लाने के लिए प्रयासरत हैं। धड़ल्ले से जारी है पॉलीथिन का इस्तेमाल

पॉलीथिन प्रतिबंध के बाद से दुकानदार भी सतर्क हो गए हैं। वे प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए चोरी-छिपे पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं। दुकानदार पॉलीथिन के विकल्प में कागज के लिफाफे भी रखते हैं। सोमवार को गौरीगंज के चौक बाजार, फल मंडी, सैठा चौराहा व अमेठी शहर में प्रतिबंध के बाद से बची पॉलीथिन की खपत के लिए लगे रहे। पॉलीथिन स्वस्थ समाज के लिए अभिशाप है। ऐसे में हर किसी को पॉलीथिन से परहेज करनी चाहिए। हमने तो अपने हॉस्पिटल में पॉलीथिन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही मरीजों को भी पॉलीथिन से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है।

-बीएन तिवारी, हास्पिटल संचालक पॉलीथिन पर ब्रेक लगाने के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है। हम सभी लोग सरकार के कदम से कदम मिलाकर पॉलीथिन का विरोध करने के लिए आगे आना होगा। हमारी जागरूकता से ही पॉलीथिन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगेगा।

-अरविंद सिंह उर्फ कल्लू, समाजसेवी


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