दलित बच्चों की अलग कतार लगाकर परोसा गया भोजन
-अभिभावकों ने शिक्षिका पर लगाया सामाजिक भेदभाव का आरोप - बीएसए सहित कई अधिकारी पहुंचे गांव अभिभावकों से की बात
अमेठी : संग्रामपुर के गडेरी गांव के प्राथमिक विद्यालय के अभिभावकों ने विद्यालय की शिक्षिका पर सामाजिक भेदभाव का आरोप लगाया है। अभिभावकों का कहना है कि यहां मिड डे मील का भोजन करते समय दलित बच्चों के साथ भेदभाव किया जाता है। विरोध करने पर मारपीट की जाती है। जानकारी होते ही बीएसए और बीडीओ ने गांव जाकर अभिभावकों से जानकारी ली।
गडेरी के प्राथमिक विद्यालय वनपुरवा की अध्यापिका कुसुम सोनी के विरुद्ध अभिभावकों ने शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि शिक्षिका हमारे बच्चों से सामाजिक भेदभाव करती हैं। दोपहर में एमडीएम का भोजन करने के लिए बच्चों की अलग कतार लगवाती हैं। गांव के जगनारायण के तीन, सोनू के दो बच्चे विद्यालय में पढ़ते हैं। दोनों अभिभावकों ने प्रधान विनय कुमार जायसवाल से इसकी शिकायत की तो सोमवार को प्रधान और प्रधान प्रतिनिधि पवन दूबे अभिवावकों के साथ विद्यालय पहुंचे। वहां पर शिक्षिका नहीं मिली। बच्चे बाहर घूम रहे थे। विद्यालय में ताला बंद था। मंगलवार को मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई बीएसए अरविद पाठक, खंड विकास अधिकारी राजीव अस्थाना, खंड शिक्षा अधिकारी हरिनाथ सिंह गांव पहुंचकर अभिभावकों से बात की। सभी अभिवावकों ने एक स्वर में शिक्षिका पर लगाये गये आरोपो की पुष्टि की। अभिभावकों ने कहा कि इससे हमारे बच्चों का मनोबल गिरा है। बच्चे अपने आप को असहज महसूस कर रहे हैं। बच्चो पर इतना दबाव बनाया गया कि वह घर पर काफी दिनों तक यह बात नहीं बताये। - इनकी भी सुनिए
अभिभावकों, बच्चे, प्रधान और शिक्षिका ने शिकायती पत्र दिया है। अभी मैं पीपरपुर ड्यूटी आया हूं। बुधवार को विद्यालय जाकर जांच कर कार्रवाई की जायेगी।
अंगद सिंह, प्रभारी निरीक्षक संग्रामपुर मैं गांव गया था। अभिभावकों से बात की गई है। घटना की जांच की जा रही है। दोषी पाये जाने पर शिक्षिका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
अरविद पाठक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी