पॉलीथिन से हवा और पानी में घुल रहा जहर
अमेठी : प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल हर छोट-बड़े सामान को रखने के लिए किया जाता है। प्लास्टि
अमेठी : प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल हर छोट-बड़े सामान को रखने के लिए किया जाता है। प्लास्टिक व पॉलीथिन का इस्तेमाल हर तरह के व्यापारी और ग्राहकों की आदत में शुमार है। लेकिन, उनको शायद यह नहीं मालूम है कि भविष्य में प्लास्टिक व पॉलीथिन उनके लिए कितना नुकसानदायक है। जमीन के अंदर मौजूद पॉलीथिन, जहां हजारों साल उसी तरह पड़ी रहने से उसे बंजर कर देती है, वहीं प्लास्टिक और पॉलीथिन को जलाने से ओजोन परत को भी नुकसान पहुंचाता है। विशेषज्ञों के अनुसार प्लास्टिक उर्वरता नष्ट हो रही है और पानी में मिलकर प्लास्टिक बैग भूजल को दूषित और जहरीला बना रही है। इतना ही नहीं, धीरे-धीरे इकट्ठा होकर पॉलीथिन शहर की नालियों को चोक कर देती है। इसमें नाली का गंदा पानी सड़कों पर आ जाता है, जो स्वस्थ मनुष्य के लिए खतरा बनने लगता है। प्लास्टिक को रिसाइकिल करने के इंतजाम नहीं
कूड़ा-करकट में 50 माइक्रॉन से अधिक की मोटाई की पॉलीथिन व प्लास्टिक को फेंकने के बजाय लोगों को अपने घरों के पास-पड़ोस में इकट्ठा करना चाहिए। अधिक मात्रा में पॉलीथिन व प्लास्टिक इकट्ठा होने के बाद उसे सुबह कूड़ा करकट बीनने वालों को दे देना चाहिए। इनके माध्यम से यह प्लाटिक रिसाइकिल प्लांट में पहुंचाकर पॉलीथिन के दुष्परिणाम को कम कर सकती है। जिले में प्लास्टिक की रिसाइकिल न होने से कूड़ा बीनने वाले लोग कानपुर जैसे बाजारों में पहुंचाते है। रोक के बावजूद नहीं रुक रहा इस्तेमाल
15 जुलाई से पूरे प्रदेश में 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन के उपयोग पर सरकार ने रोक लगा दी है। इसके बावजूद लोग पॉलीथिन का उपयोग करते देखे जा सकते हैं। बाजारों में किराना, फल, सब्जी व जूस की दुकानों पर पॉलीथिन का इस्तेमाल खुलेआम किया जा रहा है। पॉलीथिन का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर प्रशासन का कोई भय नहीं दिख रहा है। गुरुवार को जिले में अमेठी शहर, मुसाफिरखाना, गौरीगंज, जगदीशपुर, जायस, मुंशीगंज, कमरौली जैसे बड़ी बाजारों में दुकानदारों द्वारा पॉलीथिन का उपयोग अब भी किया जा रहा है। पॉलीथिन पर प्रतिबंध बहुत पहले ही लग जाना चाहिए था। इतनी आसानी से पॉलीथिन का उपयोग बंद होने वाला नहीं है। पॉलीथिन से होने वाले नुकसान को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है, जिससे लोगों में जागरूकता आ सके। मैं संकल्प लेता हूं कि पॉलीथिन का उपयोग नहीं करूंगा। साथ ही अपने वार्ड व शहर में दूसरों को भी पॉलीथिन का इस्तेमाल करने से रोकने का प्रयास करूंगा।
-बृजेश शुक्ला, जिला योजना समिति सदस्य, सभासद मिश्रौली पॉलीथिन एक तो प्रदूषण का कारण बन रही थी और दूसरे यह कि स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह थी। प्रतिबंध के बाद अब इसे सख्ती से लागू कराया जाए। लोगों को जागरूक किया जाए, जिससे लोग स्वयं भी इसके इस्तेमाल से बचें।
-विजय यादव, जिलाध्यक्ष, सपा युवजन सभा